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ईटीई एजुकेशन के एआईसीटीई अध्यक्ष का कहना है कि एआई द्वारा लाया गया परिवर्तन शिक्षकों की भूमिका को और अधिक महत्वपूर्ण बनाता है

वह यहां गुरु जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (जीजेयूएसएंडटी) के 31वें स्थापना दिवस के अवसर पर आयोजित एक समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में बोल रहे थे।

हिसार, एआईसीटीई के अध्यक्ष टीजी सीतारम ने मंगलवार को कहा कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) ने वर्तमान परिदृश्य को पूरी तरह से बदल दिया है, जिससे शिक्षकों की भूमिका और अधिक महत्वपूर्ण हो गई है।

वह यहां गुरु जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (जीजेयूएसएंडटी) के 31वें स्थापना दिवस के अवसर पर आयोजित एक समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में बोल रहे थे।

जहां एआई के कई फायदे हैं, वहीं यह कई चुनौतियां भी लेकर आया है। अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) के अध्यक्ष ने कहा, ऐसी स्थिति में शिक्षकों की भूमिका और बढ़ जाती है।

उन्होंने कहा, ”हमारे लिए जरूरी है कि हम वर्तमान परिस्थितियों के अनुसार खुद को और अधिक कुशल बनाएं और देश और समाज के विकास में अपना योगदान दें।”

विश्वविद्यालय द्वारा जारी एक विज्ञप्ति के अनुसार, सीतारम ने कहा, “भारत तेजी से विकास कर रहा है। अनुसंधान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में, हम आयातक से निर्यातक बन गए हैं।”

उन्होंने कहा कि जीजेयूएसएंडटी 2047 तक ‘विकसित भारत’ के संकल्प को पूरा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलपति नरसी राम बिश्नोई ने भी संबोधित किया।

  • 29 अक्टूबर, 2025 को 07:46 अपराह्न IST पर प्रकाशित

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