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  • इजरायल के लिए जासूसी करने के आरोप में शख्स को मिली सजा, ईरान बोला- ‘मोसाद को भेज रहा था सीक्रेट…’

    इजरायल के लिए जासूसी करने के आरोप में शख्स को मिली सजा, ईरान बोला- ‘मोसाद को भेज रहा था सीक्रेट…’

    ईरान ने शनिवार (18 अक्टूबर, 2025) को इजरायल के लिए जासूसी करने के आरोप में एक शख्स को फांसी दे दी. ईरान की मिजान न्यूज एजेंसी ने एक ईरानी अभियोजक के हवाले से रविवार (19 अक्टूबर, 2025) को इस बात की जानकारी दी. बताया गया कि आरोपी के संबंध इजरायल की खुफिया एजेंसी मोसाद से थे और उसने ईरान की गोपनीय जानकारी लीक की थी.

    इजरायल के साथ दशकों से जारी शैडो वॉर के बीच ईरान अब तक ऐसे कई लोगों को फांसी दे चुका है, जिन पर मोसाद से संबंध रखने और देश के भीतर उसके अभियानों में मदद करने का आरोप लगा था.

    बहमन चोबी-अस्ल के रूप में हुए शख्स की पहचान

    द टाइम्स ऑफ इजरायल के मुताबिक, मिजान न्यूज एजेंसी ने कहा कि ईरान ने बहमन चोबी-अस्ल नामक के एक शख्स को फांसी दे दी. न्यायापालिका ने उसे ईरान में इजरायल के सबसे महत्वपूर्ण जासूसों में से एक करार दिया.

    टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, बहमन चोबी-अस्ल का मामला न तो ईरानी मीडिया में पहले सामने आया था और न ही उन कार्यकर्ताओं को इसकी जानकारी थी, जो इस्लामी देश में मौत की सजा की निगरानी करते हैं. हालांकि, यह फांसी उस समय हुई जब ईरान ने संयुक्त राष्ट्र (UN) की ओर परमाणु कार्यक्रम को लेकर तेहरान पर दोबारा लगाए गए प्रतिबंधों के बाद अपने दुश्मनों से निपटने की कसम खाई थी.

    रिपोर्ट के मुताबिक, ईरान ने चोबी-अस्ल पर मोसाद के अधिकारियों से मुलाकात करने का आरोप लगाया. तेहरान अक्सर अपने नागरिकों पर इजरायल के लिए जासूसी करने के आरोप लगाता है, लेकिन आमतौर पर इन मामलों में कोई भी ठोस सबूत सार्वजनिक नहीं करता है.

    ईरान के सरकारी संस्थानों के डेटाबेस तक पहुंच बनाना था मोसाद का उद्देश्य

    रिपोर्ट के मुताबिक, मिजान ने कहा, ‘बहमन चोबी-अस्ल संवेदनशील टेलिकम्युनिकेशन प्रोजेक्ट्स पर काम करता था और उसने इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के आयात के रास्तों से जुड़ी जानकारियों को साझा किया था. इस आरोपी के सहयोग के पीछे मोसाद का मुख्य उद्देश्य सरकारी संस्थानों के डेटाबेस तक अपनी पहुंच बनाना और ईरान के डेटा सेंटर्स में सेंध लगाथा था. इसके अलावा, मोसाद के सेकेंड्री उद्देश्यों की बात करें तो इसमें इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के आयात के रास्तों की जांच शामिल थी.’

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  • 211 पर थे 2 विकेट, फिर दीप्ति शर्मा ने ढाया कहर, इंग्लैंड को 288 पर रोका; हेदर नाइट ने जड़ा शतक

    211 पर थे 2 विकेट, फिर दीप्ति शर्मा ने ढाया कहर, इंग्लैंड को 288 पर रोका; हेदर नाइट ने जड़ा शतक

    2025 महिला वनडे वर्ल्ड कप में आज भारत और इंग्लैंड की टीमों के बीच मैच खेला जा रहा है. दोनों टीमें इंदौर के होल्कर स्टेडियम में आमने-सामने हैं. इंग्लैंड ने पहले खेलने के बाद 50 ओवर में 8 विकेट पर 288 रन बनाए हैं. हालांकि, एक समय ऐसा लग रहा था कि इंग्लिश टीम आसानी से 300 के पार जाएगी, लेकिन अंतिम ओवरों में टीम इंडिया ने जबरदस्त वापसी की. खासकर दीप्ति शर्मा ने 4 विकेट लेकर मैच का पासा पलटा. 

    अपना 300वां अंतरराष्ट्रीय मैच खेल रही हेदर नाइट ने तूफानी बल्लेबाजी के दौरान 91 गेंद खेलीं और इस दौरान 15 चौके और एक छक्का लगाया. इस तरह उन्होंने अपना तीसरा वनडे शतक और महिला वनडे में अब तक का सर्वश्रेष्ठ स्कोर बनाया. हेदर नाइट ने 91 गेंद में 109 रनों की पारी खेली.

    वहीं भारत के लिए भी भरोसेमंद गेंदबाज दीप्ति शर्मा ने बेहतरीन गेंदबाजी की. कप्तान हरमनप्रीत कौर ने जब भी विकेट झटकने के लिए दीप्ति की लगाया तो यह अनुभवी ऑफ स्पिनर भरोसे पर खरी उतरी. उन्होंने 51 रन देकर चार विकेट लिए, जो किसी वनडे विश्व कप मैच में उनका अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है.

    कप्तान ने दीप्ति को 16वें ओवर तक गेंदबाजी नहीं कराई. दीप्ति ने 16वें ओवर में टैमी ब्यूमोंट (22) को आउट कर अपना 150वां विकेट लिया और फिर एमी को भी आउट किया. दीप्ति ने पारी के अंत में एम्मा लैम्ब (11) और एलिस कैप्सी (02) को आउट करके इंग्लैंड की रन गति पर लगाम कसने में मदद की.

    पूर्व कप्तान नाइट ने शानदार स्ट्राइक रोटेट की और कप्तान नटाली साइवर-ब्रंट (38) के साथ 106 गेंद में 113 रन की साझेदारी की. दोनों आसानी से बाउंड्री लगा रही थीं, जिससे इंग्लैंड मजबूत स्कोर की ओर बढ़ रहा था. इससे पहले सलामी बल्लेबाज और ब्यूमोंट ने इस टूर्नामेंट में पहली बार शुरुआती 10 ओवर सफलतापूर्वक खेले और पहले विकेट के लिए 77 रन साझेदारी की. लेकिन बाएं हाथ की स्पिनर श्री चरणी (68 रन देकर दो विकेट) ने साइवर-ब्रंट को आउट किया और इसके बाद इंग्लैंड की बल्लेबाजी दबाव में बिखर गई. 

    45वें ओवर में स्नेह राणा के सटीक थ्रो पर नाइट के रन आउट होने से उनकी मुश्किलें और बढ़ गईं. इसके बाद से भारत पूरी तरह से इंग्लैंड पर हावी हो गया और अंतिम 10 ओवरों में पांच विकेट गंवाने से उनके मध्यक्रम की कमजोरियां एक बार फिर उजागर हो गईं. 

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  • हमास पर संघर्ष विराम तोड़ने का आरोप, बेंजामिन नेतन्याहू ने बुलाई आपात बैठक – राफा बॉर्डर अनिश्चितकाल के लिए बंद

    हमास पर संघर्ष विराम तोड़ने का आरोप, बेंजामिन नेतन्याहू ने बुलाई आपात बैठक – राफा बॉर्डर अनिश्चितकाल के लिए बंद

    इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने रविवार को रक्षा मंत्री और वरिष्ठ सुरक्षा अधिकारियों के साथ आपात बैठक बुलाई. यह कदम तब उठाया गया जब रिपोर्ट्स में कहा गया कि हमास ने संघर्ष विराम का उल्लंघन किया है. नेटन्याहू ने ‘एक्स’ पर पोस्ट कर कहा, ‘हमास द्वारा संघर्ष विराम तोड़ने के बाद प्रधानमंत्री ने रक्षा मंत्री और सुरक्षा प्रमुखों के साथ बैठक की और गाजा पट्टी में आतंकवादी ठिकानों पर सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं.’

    हमास और इजरायल के बीच एक-दूसरे पर उल्लंघन के आरोप
    जमीनी हालात बेहद तनावपूर्ण हैं. फिलिस्तीनी अधिकारियों का दावा है कि संघर्ष विराम लागू होने के बाद से इजरायली सेना ने अब तक 47 बार उल्लंघन किया, जिनमें 38 लोगों की मौत और 143 घायल हुए. (अल जजीरा) वहीं, इजरायल हमास पर हमले की पहल का आरोप लगा रहा है. यह विवाद ऐसे समय पर बढ़ रहा है जब अक्टूबर 2023 से चल रहे संघर्ष में अब तक 68,000 से अधिक फिलिस्तीनी मारे गए और 1,70,000 से अधिक घायल हुए हैं. इजरायल में 7 अक्टूबर के हमलों में 1,139 लोग मारे गए और लगभग 200 को बंधक बनाया गया था.

    राफा बॉर्डर बंद, मानवीय संकट और गहराया
    नेतन्याहू ने शनिवार को घोषणा की कि गाजा और मिस्र को जोड़ने वाला राफा बॉर्डर क्रॉसिंग ‘अगली सूचना तक बंद’ रहेगा. यह निर्णय हमास द्वारा बंधकों के शव सौंपने में देरी से जोड़ा गया है. प्रधानमंत्री कार्यालय के अनुसार, बॉर्डर को दोबारा खोलने पर तभी विचार होगा जब हमास समझौते के तहत सभी शव और शर्तें पूरी तरह मान लेगा. यह बॉर्डर गाजा निवासियों के लिए एकमात्र मानवीय और लॉजिस्टिक रास्ता है, इसलिए इसकी बंदी से संकट और गहरा गया है.

    बंधकों के शव सौंपे, प्रदर्शनकारियों ने जताया गुस्सा
    हमास ने दो और इजरायली बंधकों के शव इजरायल को सौंपे, जिन्हें रेड क्रॉस के जरिए गाजा में इजरायली कर्मियों तक पहुंचाया गया. इस बीच, तेल अवीव में प्रदर्शनकारियों ने सरकार से मांग की कि वह गाजा से सभी बंधकों और शवों को जल्द से जल्द वापस लाने के लिए कदम उठाए. वहीं, काहिरा स्थित फिलिस्तीनी दूतावास ने कहा कि 20 अक्टूबर (सोमवार) से बॉर्डर खोलने की तैयारी की जा रही थी ताकि मिस्र में फंसे फिलिस्तीनी नागरिकों को गाजा लौटने की अनुमति दी जा सके, लेकिन मौजूदा तनाव के कारण योजना पर सवाल खड़े हो गए हैं. 

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  • 13 साल में 19 फिल्में, कितनी हिट कितनी फ्लॉप? देखें आयुष्मान खुराना का बॉक्स ऑफिस रिपोर्ट

    13 साल में 19 फिल्में, कितनी हिट कितनी फ्लॉप? देखें आयुष्मान खुराना का बॉक्स ऑफिस रिपोर्ट

    बॉलीवुड एक्टर आयुष्मान खुराना ने 2012 में बॉलीवुड डेब्यू किया था. अब उनके फिल्मी करियर को 13 साल हो चुके हैं. इन 13 सालों में एक्टर ने कुल 19 फिल्मों में काम किया है. इन दिनों आयुष्मान अपनी अपकमिंग हॉरर-कॉमेडी फिल्म ‘थामा’ को लेकर चर्चा में है. इसकी रिलीज से पहले हम आपको एक्टर की हिट और फ्लॉप फिल्मों की लिस्ट दे रहे हैं.

    आयुष्मान खुराना की पहली फिल्म ‘विक्की डोनर’ है जो 2012 में रिलीज हुई थी. उनकी पहली फिल्म ही हिट हो गई जिसके बाद एक्टर छा गए. बॉलीवुड हंगामा की रिपोर्ट के मुताबिक आयुष्मान ने अपने 13 साल के करियर में कुल 3 सुपरहिट फिल्में, 4 हिट फिल्में और 5 सेमी-हिटा या एवरेज फिल्में दी हैं. इसके अलावा उनकी 7 फिल्में बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप साबित हुईं.

    आयुष्मान खुराना की सुपरहिट फिल्में

    आयुष्मान खुराना की हिट फिल्में

    आयुष्मान खुराना की सेमी-हिट और एवरेज फिल्में

    आयुष्मान खुराना की फ्लॉप फिल्में

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  • रोहित, विराट या गिल, टीम इंडिया की हार का असली गुनाहगार कौन? ऑस्ट्रेलिया में कटाई टीम इंडिया की नाक

    रोहित, विराट या गिल, टीम इंडिया की हार का असली गुनाहगार कौन? ऑस्ट्रेलिया में कटाई टीम इंडिया की नाक

    IND Vs AUS 1st Oneday Match: भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच आज रविवार, 19 अक्टूबर को 3 वनडे मैचों के सीरीज का पहला मैच पर्थ के ऑप्टम स्टेडियम में खेल गया. बारिश से बाधित इस मैच को (DLS Method) के द्वारा ऑस्ट्रेलिया ने 7 विकेटों से जीता. इसके बाद ये सवाल होने लगा कि भारत की इस शर्मनाक हार का असली गुनाहगार कौन है? खैर, यहां आपको इस सवाल का जवाब मिल जाएगा.

    भारत की शर्मनाक हार का गुनाहगार कौन?

    भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच खेले गए पहले वनडे मैच में टीम इंडिया को शर्मनाक हार का सामना करना पड़ा. भारत की इस शर्मनाक हार का कोई एक जिम्मेदार नहीं है, बल्कि इस मैच में सभी भारतीय बल्लेबाज फ्लॉप रहे, जिस कारण टीम इंडिया बड़ा स्कोर बनाने में नाकाम रही और DLS Method की वजह से भारतीय टीम 26 ओवरों में 9 विकेटों की नुकसान पर केवल 136 रन ही बना पाई. अगर भारत के स्कोर कार्ड पर नजर डालें तो विराट कोहली, रोहित शर्मा, श्रेयस अय्यर और कप्तान शुभमन गिल को इस हार का जिम्मेदार ठहराया जा सकता है. इन चारों खिलाड़ियों से भारतीय टीम को बड़ी उम्मीदें थीं, लेकिन पहले वनडे मैच में चारों बल्लेबाज बड़ा स्कोर बनाने में नाकाम रहें.

    विराट और रोहित का नहीं चला बल्ला 

    भारतीय टीम के स्टार बल्लेबाज विराट कोहली और पूर्व कप्तान रोहित शर्मा करीब 222 दिनों के बाद इंटरनेशनल मैच खेलने मैदान पर उतरे, लेकिन दोनों बल्लेबाज पहले वनडे मैच अपना जलवा नहीं दिखा सके. इस मैच में विराट 8 गेंदों में 0 रन पर मिचेल स्टार्क की गेंद पर आउट हुए, वहीं रोहित 14 गेंदों में 8 रन बनाकर हेजलवुड की गेंद पर आउट हुए. ऑस्ट्रेलिया की सरजमीं पर विराट और रोहित का प्रदर्शन शानदार रहा है, जिस वजह से इन दोनों बल्लेबाजों पर अधिक जिम्मेदारी थी, लेकिन विराट और रोहित अपनी काबिलियत के मुताबिक इस मैच में प्रदर्शन नहीं कर पाए.

    भारत की हार का असली गुनाहगार कौन?

    रोहित शर्मा और विराट कोहली के जल्दी आउट होने के बाद पूरी जिम्मेदारी शुभमन गिल पर थी, लेकिन बतौर कप्तान शुभमन गिल अपने मैच में फ्लॉप रहे. इन तीनों स्टार बल्लेबाजों के आउट होने के बाद भारतीय फैंस की नजरें उपकप्तान श्रेयस अय्यर पर थीं और ऐसी उम्मीद थी कि श्रेयस एक छोर पर टिक कर बल्लेबाजी करेंगे, लेकिन अय्यर अपने कमजोरी पर आउट हुए. जहां विराट स्टार्क के ऑफ साइड की गेंद पर कैच दे बैठे, वहीं श्रेयस हेजलवुड की बाउंसर गेंद का शिकार बने. इस वजह से ये कहा जा सकते है कि भारत की हार के ये चारों स्टार बल्लेबाज असली गुनाहगार हैं.

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  • 'अफगानिस्तान की संप्रभुता में दखल बर्दाश्त नहीं', पाकिस्तान को तालिबान की दो टूक, मुल्ला याकूब ने दे डाली वॉर्निंग

    'अफगानिस्तान की संप्रभुता में दखल बर्दाश्त नहीं', पाकिस्तान को तालिबान की दो टूक, मुल्ला याकूब ने दे डाली वॉर्निंग

    तालिबान सरकार के रक्षा मंत्री मुल्ला मोहम्मद याकूब ने दोहा से एक ऑनलाइन प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि अफगानिस्तान की संप्रभुता का उल्लंघन या उसकी सुरक्षा में किसी भी तरह की दखल की अनुमति नहीं दी जाएगी. उन्होंने बताया कि डूरंड रेखा से जुड़ा मुद्दा समझौते में शामिल नहीं है, क्योंकि यह ऐसा विषय है जो सीधे अफगान जनता से जुड़ा हुआ है.

    आगामी बातचीत में समझौते की रूपरेखा पर होगा फोकस
    मुल्ला याकूब ने बताया कि तुर्की में होने वाले अगले दौर की वार्ताओं में मौजूदा समझौते के क्रियान्वयन के तंत्र पर चर्चा होगी. जब उनसे पाकिस्तान की ओर से संभावित हमलों या समझौते के उल्लंघन पर गारंटी के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने दो अन्य देशों के सामने अपनी प्रतिबद्धता जताई है. अगर पाकिस्तान किसी तरह की आक्रामक कार्रवाई करता है, तो अफगानिस्तान पूरी तरह तैयार है जवाब देने के लिए.

    व्यापार बहाली और शरणार्थियों पर भी हुई चर्चा
    मुल्ला याकूब ने कहा कि दोनों देशों के बीच व्यापार को सामान्य स्थिति में लौटाने पर सहमति बनी है. उन्होंने जोर देकर कहा कि अफगानिस्तान एक स्वतंत्र देश है और वह पाकिस्तान समेत सभी देशों से अपने राष्ट्रीय हितों के आधार पर अच्छे संबंध रखना चाहता है. शरणार्थियों के मुद्दे पर उन्होंने बताया कि अफगान शरणार्थियों के साथ मानवीय व्यवहार की मांग को लेकर भी चर्चा की गई है.

    अफगान सरकार के प्रवक्ता जबीहुल्लाह मुजाहिद ने बताया कि पाकिस्तान ने सीजफायर बढ़ाए जाने के कुछ घंटे बाद अफगानिस्तान में हवाई हमले किए. ये हमले शुक्रवार को हुए, जब बुधवार से लागू संघर्ष विराम को दोहा में जारी शांति वार्ता के दौरान तक के लिए बढ़ा दिया गया था. मुजाहिद ने कहा कि इन हमलों में नागरिकों को निशाना बनाया गया और काबुल को जवाब देने का अधिकार है. हालांकि उन्होंने यह भी बताया कि वार्ता टीम के सम्मान में अफगान लड़ाकों को फिलहाल पलटवार न करने का निर्देश दिया गया है.

    सीमा संघर्ष के बीच समाधान तलाश रहे दोनों देश
    पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच हालिया झड़पों में दर्जनों लोगों की मौत और सैकड़ों घायल हुए हैं. दोनों देशों के बीच बातचीत पाकिस्तान के असिफ और अफगान रक्षा मंत्री मुल्ला मोहम्मद याकूब की अगुवाई में हुई. जमीनी लड़ाई और पाकिस्तान की हवाई कार्रवाई दोनों देशों की 2,600 किमी लंबी विवादित सीमा पर हुई. पाकिस्तान का कहना है कि अफगानिस्तान में मौजूद उग्रवादी गुटों ने हाल ही में पाकिस्तान में हमले तेज किए हैं, और काबुल को उन्हें रोकना चाहिए.

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  • दोहा में PAK-अफगान के बीच 'सीजफायर' पर बनी सहमति, अब तुर्की में होगी दूसरे दौर की वार्ता

    दोहा में PAK-अफगान के बीच 'सीजफायर' पर बनी सहमति, अब तुर्की में होगी दूसरे दौर की वार्ता

    पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच शनिवार (18 अक्टूबर, 2025) को कतर की राजधानी दोहा में पहले दौर की वार्ता हुई थी, जिसमें दोनों देशों के बीच एक दूसरे के सैन्य ठिकानों और रिहाइशी इलाकों पर हमला ना करने को लेकर सहमति बनी है. साथ ही अफगानिस्तान की तालिबान सरकार के मुताबिक, दोनों देशों ने तय किया है कि पाकिस्तान के खिलाफ काम करने वाले आतंकियों की देश कोई मदद नहीं करेगा और अफगानिस्तान का वर्षों से यही स्टैंड है.

    अब दोनों देशों के बीच अगले दौर की बातचीत तुर्की की राजधानी इस्तांबुल में 25 अक्टूबर को होगी. बताते चलें कि शनिवार को दोहा में पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच दोपहर तीन बजे शुरू हुई बातचीत रात साढ़े 11 बजे खत्म हुई थी, जिसके बाद पहला बयान कतर की तरफ से आया. कतर ने कहा कि उसकी और तुर्की की मध्यस्था में दोनों देश सीजफायर के लिए राजी जो गए हैं.

    पाकिस्तानी रक्षा मंत्री ने जताई सहमति

    इसके बाद पाकिस्तानी रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने पहले दौर की बातचीत के बाद बयान दिया कि पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच संघर्ष विराम (सीजफायर) समझौता हो गया है और पाकिस्तान की भूमि पर अफगानिस्तान से होने वाली आतंकवादी गतिविधियां तुरंत बंद की जाएंगी. दोनों पड़ोसी देश एक-दूसरे की जमीन और संप्रभुता का सम्मान करेंगे.

    इस बयान के बाद अफगानिस्तान सरकार के प्रवक्ता जबीउल्लाह मुजाहिद ने बयान जारी करते हुए कहा कि पहले दौर की बातचीत में पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच आपस में सैन्य ठिकानों और रिहाइशी इलाकों में हमला ना करने पर सहमति बनी है. साथ ही ये भी तय हुआ है कि दोनों देश उन संगठनों को समर्थन नहीं देंगे, जो पाकिस्तान पर हमला करते हैं. 

    अफगानिस्तान सरकार ने जारी किया बयान

    हालांकि अपने बयान का स्पष्टीकरण देते हुए जबीउल्लाह मुजाहिद ने कुछ देर बार ‘X’ पर लिखा, ‘पाकिस्तान पर हमला करने वाले संगठनों का समर्थन ना करने वाला उनका बयान कोई औपचारिक या संयुक्त घोषणा का हिस्सा नहीं है, बल्कि अफगानिस्तान की तालिबान सरकार का पुराना स्टैंड है और दोहा में दोनों पक्षों के बीच सिर्फ यह सहमति बनी है कि एक-दूसरे के खिलाफ किसी भी कार्रवाई को अंजाम नहीं दिया जाएगा, जो समझौते का सबसे अहम बिंदु है.’

    बैठक में कौन-कौन मौजूद?

    शनिवार को दोहा में हुई पहले दौर की वार्ता में अफगानिस्तान की तरफ से तालिबान सरकार के रक्षा मंत्री मुल्ला याकूब और अफगान खुफिया विभाग GDI के प्रमुख मुल्ला अब्दुल हक वासिक मौजूद थे. साथ ही पाकिस्तान की तरफ से पाकिस्तानी रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ और पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI के प्रमुख आसिम मलिक मौजूद थे. ऐसे में देखना होगा कि इस्तांबुल में होने वाली अगले दौर की बातचीत में क्या निकलता है और क्या अगले 6 दिन दोनों देश समझौते के आधार पर शांति स्थापित कर पाते हैं.

    ये भी पढ़ें:- PAK में सुरक्षित नहीं हिंदू, लापता मूक-बधिर नाबालिग लड़की ने कबूला इस्लाम, 7 बच्चों के बाप संग हुआ निकाह

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  • पटाखों की तेज आवाज से आ सकता है हार्ट अटैक, ऐसे रखें दिल का ध्यान

    पटाखों की तेज आवाज से आ सकता है हार्ट अटैक, ऐसे रखें दिल का ध्यान

    पूरे देश में कल यानी 20 अक्टूबर को दिवाली का त्योहार मनाया जाएगा. इस मौके पर हर जगह पटाखे और आतिशबाजी का माहौल देखने को मिलता है. हालांकि, दिवाली के समय में आसमान को रोशन करने वाले पटाखों का एक और पहलू भी है. दरअसल, पटाखों से निकलने वाली तेज आवाज स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा पैदा कर सकती है. खासकर यह उन लोगों के लिए खतरनाक हो सकती है, जिन्हें दिल की बीमारी है. 

    NIH सहित कई रिसर्च बताती हैं कि हाई डेसिबल ध्वनि के लगातार संपर्क में रहने से हार्ट संबंधी समस्याओं जैसे हार्ट अटैक का खतरा बढ़ सकता है. ऐसे में चलिए आज हम आपको बताते हैं कि‍ दिवाली के पटाखे की तेज आवाज से हार्ट अटैक का खतरा कैसे बढ़ जाता है और ऐसे समय में आप दिल की सेहत का कैसे ध्यान रख सकते हैं.

    पटाखे की आवाज से कैसे होता है हार्ट अटैक का खतरा

    दरअसल, पटाखों की आवाज अक्सर 4 मीटर की दूरी पर 130 से 143 डेसीबल तक पहुंच जाती है, जो कि सामान्य सुनने की सीमा से काफी ज्यादा है. इतनी तेज आवाज से शरीर का स्ट्रेस रिस्पांस सक्रिय हो जाता है, जिसके चलते ब्लड प्रेशर बढ़ता है, हार्ट रेट तेज हो जाती है और हार्ट पर ज्यादा दबाव पड़ने लगता है. लंबे समय तक या बार-बार ऐसे हालात का सामना करने से दिल की बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है, जिससे हार्ट अटैक भी आ सकता है.

    किन लोगों को है सबसे ज्यादा खतरा

    इस दिवाली रखें हार्ट को सुरक्षित

    ये भी पढ़ें-Super Antibiotic Nefithromycin: डायबिटीज और कैंसर के मरीजों के लिए गुड न्यूज, भारत ने बनाई पहली देसी सुपर एंटीबायोटिक

    Disclaimer: यह जानकारी रिसर्च स्टडीज और विशेषज्ञों की राय पर आधारित है. इसे मेडिकल सलाह का विकल्प न मानें. किसी भी नई गतिविधि या व्यायाम को अपनाने से पहले अपने डॉक्टर या संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.

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    कविता गाडरी बीते कुछ साल से डिजिटल मीडिया और पत्रकारिता की दुनिया से जुड़ी हुई है. राजस्थान के जयपुर से ताल्लुक रखने वाली कविता ने अपनी पढ़ाई माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय भोपाल से न्यू मीडिया टेक्नोलॉजी में मास्टर्स और अपेक्स यूनिवर्सिटी जयपुर से बैचलर ऑफ जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन में की है. 
    पत्रकारिता में अपना सफर उन्होंने राजस्थान पत्रिका से शुरू किया जहां उन्होंने नेशनल एडिशन और सप्लीमेंट्स जैसे करियर की उड़ान और शी न्यूज के लिए बाय लाइन स्टोरी लिखी. इसी दौरान उन्हें हेलो डॉक्टर शो पर काम करने का मौका मिला. जिसने उन्हें न्यूज़ प्रोडक्शन के लिए नए अनुभव दिए. 

    इसके बाद उन्होंने एबीपी नेटवर्क नोएडा का रुख किया. यहां बतौर कंटेंट राइटर उन्होंने लाइफस्टाइल, करंट अफेयर्स और ट्रेडिंग विषयों पर स्टोरीज लिखी. साथ ही वह कंटेंट मैनेजमेंट सिस्टम और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर भी लगातार सक्रिय रही. कविता गाडरी हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं में दक्ष हैं. न्यूज़ राइटिंग रिसर्च बेस्ड स्टोरीटेलिंग और मल्टीमीडिया कंटेंट क्रिएशन उनकी खासियत है. वर्तमान में वह एबीपी लाइव से जुड़ी है जहां विभिन्न विषयों पर ऐसी स्‍टोरीज लिखती है जो पाठकों को नई जानकारी देती है और उनके रोजमर्रा के जीवन से सीधे जुड़ती है.

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  • शादी और घर के लिए एक साल बाद ही निकाल सकेंगे PF अकाउंट से पैसा, बदल गया ये वाला नियम

    शादी और घर के लिए एक साल बाद ही निकाल सकेंगे PF अकाउंट से पैसा, बदल गया ये वाला नियम

    PF Rules: देश में जितने भी नौकरीपेशा लोग हैं. लगभग सभी का PF खाता होता है. हर महीने सैलरी का एक हिस्सा इस फंड में जमा होता है ताकि जरूरत पड़ने पर इसका इस्तेमाल किया जा सके. अब तक लोग नौकरी छोड़ने के कुछ ही समय बाद अपने PF अकाउंट से पैसा निकाल लेते थे. जब घर में शादी,या घर बनाना हो या फिर किसी जरूरी खर्च के लिए पैसे चाहिए हों.

    लेकिन अब कर्मचारियों को थोड़ा इंतजार करना होगा. सरकार और EPFO की ओर से PF निकासी के नियमों में बदलाव किया गया है. इस बदलाव का असर लाखों कर्मचारियों पर पड़ेगा जो भविष्य निधि को एक इमरजेंसी फंड की तरह इस्तेमाल करते हैं. जान लीजिए नए नियम. 

    पहले के नियमों के मुताबिक अगर कोई कर्मचारी नौकरी छोड़ देता था तो वह दो महीने बाद अपने PF खाते से पूरा पैसा निकाल सकता था. यह नियम उन लोगों के लिए था जिन्होंने किसी नई नौकरी में जॉइन नहीं किया था. कई लोग इस पैसे का इस्तेमाल शादी, घर बनाने या कर्ज चुकाने जैसे निजी कामों के लिए करते थे. 

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    EPFO ने ऐसे मामलों में कुछ शर्तों के साथ जल्द निकासी की अनुमति भी दी थी. मतलब यह कि कर्मचारी नौकरी छोड़ने के 60 दिन बाद अपने PF का बैलेंस निकाल सकता था. यह प्रक्रिया ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरह से की जा सकती थी और आमतौर पर एक हफ्ते में पैसा खाते में आ जाता था.

    PF खातों में नए नियम के मुताबिक अब कर्मचारी नौकरी छोड़ने के बाद PF अकाउंट से शादी, घर बनाने या किसी व्यक्तिगत जरूरत के लिए पैसा एक साल बाद ही निकाल सकेगा. यानी अब 2 महीने नहीं बल्कि पूरे 12 महीने इंतजार करना होगा. EPFO का मानना है कि यह कदम लोगों को भविष्य के लिए बचत करने की आदत देगा और फंड को सही मकसद के लिए इस्तेमाल करने में मदद करेगा. 

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    हालांकि इमरजेंसी मेडिकल जरूरत या स्थायी विकलांगता जैसे मामलों में पहले की तरह तत्काल निकासी की सुविधा बनी रहेगी. इस बदलाव का उद्देश्य PF अकाउंट को लंबी अवधि की सुरक्षा के रूप में बनाए रखना है. जिससे रिटायरमेंट के वक्त कर्मचारी के पास पर्याप्त रकम बचे.

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  • भारतीयों को क्यों जबरन कनाडा से निकालने में जुटी सरकार? पीएम मार्क कार्नी ने किया बड़ा खुलासा

    भारतीयों को क्यों जबरन कनाडा से निकालने में जुटी सरकार? पीएम मार्क कार्नी ने किया बड़ा खुलासा

    बीते कुछ सालों में कनाडा से भारतीयों को जबरन बाहर निकालने की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हुई है. कनाडाई सीमा सेवा एजेंसी (सीबीएसए) के अनुसार इस साल यह आंकड़ा रिकॉर्ड स्तर तक पहुंच चुका है. इस साल 28 जुलाई तक कनाडा से निकाले  गए भारतीय नागरिकों की संख्या 1,891 थी, जबकि साल 2019 में यह संख्य केवल 625 थी.

    लोगों को जबरन निकाले जाने की लिस्ट में भारत दूसरे नंबर पर

    कनाडा से दूसरे देश के लोगों को निकाले जाने की लिस्ट में भारत दूसरे नंबर पर है. 28 जुलाई 2025 तक मैक्सिकों को 2,678 लोगों को जबरन कनाडा से निकाला गया था. साल 2024 में कनाडाई प्राधिकारियों की ओर से 1,997 भारतीयों को जबरन निकाला गया था. वहीं पिछले साल मैक्सिको के  3,683 और 981 कोलंबियाई लोगों को कनाडा से बाहर निकाला गया था. 

    भारतीयों को कनाडा से जबरन क्यों निकाला जा रहा है?

    कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी से पूछा गया कि क्या उसकी सरकार विदेशी अपराधियों को वापस उनके देश भेजने पर ध्यान केंद्रित करेगी. इस सवाल का जवाब उन्होंने हां में दिया. उन्होंने कहा कि इस प्रक्रिया को तेज करने के लिए बेहतर संसाधनों के साथ ट्रैकिंग में सुधार करने की योजना है. उन्होंने कहा कि यह पहल उन सुधारों का हिस्सा है जो हम कनाडा में इमिग्रेशन सिस्टम में कर रहे हैं.

    हाल ही में 8 भारतीयों को किया गया गिरफ्तार

    कनाडा में बढ़ती एंटी इमिग्रेशन सेंटीमेंट के बीच दूसरे देश के लोगों को निकालने की प्रक्रिया शुरू हुई है. कनाडा में हाल ही में  450 डाक की कथित चोरी का आरोप में 8 लोगों को गिरफ्तार किया गया था. गिरफ्तार किए गए लोगों की पहचान सुमनप्रीत सिंह, गुरदीप चट्ठा, जश्नदीप जट्टाना, हरमन सिंह, जसनप्रीत सिंह, मनरूप सिंह, राजबीर सिंह और उपिंदरजीत सिंह के रूप में हुई.

    इस संबंध में पील क्षेत्रीय पुलिस ने 10 अक्टूबर 2025 को प्रेस रिलीज जारी कर कहा कि वह पील क्राउन अटॉर्नी कार्यालय और कनाडा सीमा सेवा एजेंसी के साथ सक्रिय रूप से जुड़े हैं, जो यह निर्धारित करेगा कि कनाडा से आरोपी विदेशी नागरिकों को निकालने का मामला न्यायिक प्रक्रिया के हिस्से के रूप में आगे बढ़ाया जा सकता है या नहीं.

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