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Social Media Earning: इंस्टाग्राम और यूट्यूब से कैसे होती है कमाई, जानें आप कैसे बन सकते हैं लखपति?
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यात्रीगण कृपया ध्यान दें, दिवाली के बाद कैंसिल रहेंगी ये ट्रेनें, चेक कर लें लिस्ट
Train Cancelled Details: भारतीय रेलवे दुनिया का चौथा सबसे बड़ा रेल नेटवर्क है. जो देश के हर कोने को जोड़ता है. रोजाना करीब 3 करोड़ यात्री ट्रेन से सफर करते हैं और उनके लिए हजारों ट्रेनें चलती हैं. यही वजह है कि रेलवे को देश की लाइफलाइन कहा जाता है. लेकिन कई बार ट्रैक मरम्मत, तकनीकी खामियों, कोहरे या अन्य वजहों से रेलवे को कुछ ट्रेनों को अस्थायी तौर से कैंसिल करना पड़ता है.
ऐसे में यात्रियों को अपने सफर की योजना दोबारा बनानी पड़ती है. दिवाली के बाद भी कई ट्रेनों की सेवाएं प्रभावित रहेंगी. रेलवे ने यात्रियों की सुविधा के लिए पहले से ही रद्द ट्रेनों की लिस्ट जारी कर दी है, ताकि लोग समय रहते अपडेट देख सकें और अपनी यात्रा को बिना किसी परेशानी के प्लान कर सकें. अगर आपका भी ट्रेन से सफर करने का प्लान है. तो स्टेशन जाने से पहले एक बार ये लिस्ट जरूर चेक करें.
दिवाली के अगर आपका ट्रेन से सफर करने का कहीं प्लान है तो फिर यह खबर आपके लिए बहुत जरूरी है. उत्तर मध्य रेलवे से मिली जानकारी के मुताबिक ठंड और कोहरे को देखते हुए कई ट्रेनों की सर्विस कैंसिल करने का ऑर्डर जारी किया है. यह ट्रेनें 1 दिसंबर से 3 मार्च तक नहीं चलेंगी. दिल्ली, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल के यात्रियों पर इन ट्रेनों के कैंसिल होने का असर पड़ेगा.
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तेजस्वी यादव के सहयोगी IP गुप्ता का विवादित बयान- 'अगर यादव लाठी मारे तो उसके गले में…’
बिहार के सहरसा से महागठबंधन के प्रत्याशी और इंडियन इनक्लूसिव पार्टी (IIP) के राष्ट्रीय अध्यक्ष आईपी गुप्ता का एक विवादित बयान सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है. पार्टी के एक कार्यक्रम में अपने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए उन्होंने कुछ ऐसी बात कही जो सियासत और समाज दोनों में तीखी प्रतिक्रियाओं का कारण बन सकती है.
कार्यक्रम में उन्होंने अलग‑अलग जातियों का जिक्र करते हुए कहा कि अगर यादव या कोई और लाठी मारता है तो विरोध में ‘गला में दांत फंसा कर मार दो’. इस तरह की उकसाने वाली बात का वीडियो कल से तेजी से इंटरनेट पर फैल रहा है.
वीडियो के अनुसार, आईपी गुप्ता ने कई जातियों का नाम लेकर हमला कैसे करना है, यह बताते हुए उकसाने वाला संदेश दिया. उनके इस संदर्भित भड़काऊ बयान ने जिले में चिंता और नाराजगी बढ़ा दी है. सामाजिक मंचों पर वीडियो के साझा होते ही कई लोगों ने इसे निंदनीय और खतरनाक बताया है जबकि कुछ समर्थकों ने उनके कथन का अलग संदर्भ होने का दावा किया है.
राजनीतिक माहौल में ऐसे बयान पर सवाल खड़े होते हैं क्योंकि चुनावी समय में आग लगाने वाले भाषण समुदायों के बीच तनाव बढ़ा सकते हैं. सहरसा जैसे संवेदनशील इलाकों में नेताओं के सार्वजनिक बयानों का व्यापक प्रभाव रहता है और साम्प्रदायिक या जातिगत भावनाओं को भड़काने वाले वाक्यों से नजदीकी इलाके में सार्वजनिक शांति भंग होने का खतरा रहता है.
स्थानीय जनता और राजनीतिक पर्यवेक्षकों का कहना है कि इस तरह के बयानों की तत्काल जांच होनी चाहिए ताकि कोई अप्रिय घटना न घटे. वीडियो वायरल होने के बाद शांतिप्रेमी नागरिकों ने संयम बनाए रखने और कानून के तहत कार्रवाई की अपील की है. कुछ सामाजिक कार्यकर्ताओं ने पुलिस और चुनाव प्राधिकरण से आग्रह किया है कि वह मामले की तह तक जाकर जांच करें और आवश्यकतानुसार कार्यवाही करें.
फिलहाल आईपी गुप्ता या उनकी पार्टी की ओर से इस वायरल बयान पर कोई औपचारिक स्पष्टीकरण सार्वजनिक नहीं हुआ है. मामले में आगे क्या कदम उठाए जाते हैं, यह देखने वाली बात होगी. खासकर चुनावी माहौल में ऐसी हरकतों के दूरगामी प्रभाव हो सकते हैं. सहरसा प्रशासन और जिला पुलिस से भी उम्मीद की जा रही है कि वे स्थिति पर नजर रखेंगे और सार्वजनिक व्यवस्था बनाए रखेंगे.
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दिल्ली: सांसद आवास परिसर में लगी भीषण आग का जिम्मेदार कौन? निवासियों ने बताया कहां दिखी लापरवाही
दिल्ली के एक अपार्टमेंट परिसर में शनिवार (18 अक्टबूर) दोपहर लगी भीषण आग के बाद निवासियों ने कहा कि इस बाई सिक्योरिटी एरिया में सांसदों और उनके कर्मचारियों का आवास होने के बावजूद इसमें आग से सुरक्षा की बुनियादी तैयारी तक नहीं थी और रखरखाव की हालत भी खराब थी.
निवासियों का दावा है कि बाबा खड़ग सिंह मार्ग स्थित ब्रह्मपुत्र अपार्टमेंट में लगी आग में कुछ बच्चे घायल हुए हैं और उन्हें अस्पताल ले जाया गया है. कई परिवारों को भारी नुकसान हुआ है. निवासियों ने बताया कि आग ग्राउंड फ्लोर के पार्किंग एरिया में लगी थी, लेकिन वहां फर्नीचर, पॉलिशिंग सामग्री और अन्य ज्वलनशील वस्तुओं का अंबार पड़ा था.
अधिकारियों ने कहा कि आग लगने के कारणों की जांच की जा रही है, लेकिन निवासियों का कहना है कि यह आग तब लगी जब पटाखे फोड़ने के दौरान फर्नीचर के ढेर में आग लग गई, जो बाद में तेजी से फैली. उन्होंने कहा, ‘‘यह लगभग सोफा के गोदाम जैसा लग रहा था. हम पानी के लिए दौड़े, लेकिन कुछ भी काम नहीं आया. हम अग्निशमक यंत्रों और पाइपों के पास गए, लेकिन पानी की आपूर्ति नहीं थी.’’
पीटीआई-भाषा की रिपोर्रट के मुताबिक, कई सांसदों के लिए काम करने वाले और इस घटना को सबसे पहले देखने वालों में से एक गंगाराम वाल्मीकि जानकारी दी है, ‘‘जब तक दमकल की गाड़ियां पहुंचीं, तब तक बहुत देर हो चुकी थी. वे करीब एक घंटा देरी से आए.’’ हालांकि, दिल्ली अग्निशमन सेवा (डीएफएस) ने देरी के आरोपों से इनकार करते हुए कहा कि सूचना मिलते ही कई टीम तुरंत घटनास्थल पर पहुंच गईं.
अधिकारियों के अनुसार, डीएफएस को दोपहर 1.22 बजे आग लगने की सूचना मिली और 1.40 बजे तक कार्रवाई शुरू कर दी गई. उन्होंने कहा कि 14 दमकल गाड़ियां घटनास्थल पर पहुंचीं और दोपहर 2.10 बजे तक आग पर काबू पा लिया गया
उत्तराखंड के सांसद नरेश बंसल के निजी सहायक कमल गहतोड़ी ने बताया कि पहली मंजिल सबसे अधिक प्रभावित हुई है. वह उसी मंजिल पर रहते हैं. उन्होंने बताया कि जब आग लगी, तब वे एक कार्यक्रम में शामिल होने गए थे और उनका परिवार दिवाली की छुट्टियों में शहर से बाहर गया हुआ है. उन्होंने कहा कि उनका रसोइया काम पर गया हुआ था जबकि उसकी पत्नी, दो छोटे बच्चे और उसकी बुज़ुर्ग मां घर में ही थीं.
गहतोड़ी ने कहा, ‘‘रसोइये की पत्नी दूध लेने नीचे गई थी और जब वह वापस आई, तो उसने आग देखी. वह तुरंत अपने परिवार को बचाने के लिए घर के अंदर भागी. उसकी बुज़ुर्ग सास हिल भी नहीं पा रही थी, लेकिन किसी तरह वह उन्हें बचाने में कामयाब रही.’’
घर के अंदर सब कुछ जलकर खाक हो गया था. कमल गहतोड़ी ने बताया, ‘‘अलमारियों में रखा हमारा सारा सामान, दस्तावेज, गहने, कपड़े, यहां तक कि साड़ियां भी जलकर खाक हो गईं. अब सब कुछ खत्म हो गया है.’’ हर मंजिल पर आठ कर्मचारियों के क्वार्टर हैं. पहली मंज़िल पूरी तरह से जलकर खाक हो गई है और सबसे अधिक प्रभावित हुई है.
कई निवासियों ने सरकारी आवासीय भवनों के रखरखाव और सुरक्षा को लेकर सवाल उठाए हैं. उन्होंने बताया कि इस घटना के कारण कई कर्मचारियों के परिवार बेघर हो गए हैं. कमल वाल्मीकि ने बताया कि धनतेरस की पूर्व संध्या पर करीब 20 परिवारों को भारी नुकसान हुआ है. उन्होंने कहा, ‘‘आज धनतेरस है और लोग त्योहार की तैयारी कर रहे थे, लेकिन अब कई परिवार अपना सब कुछ खो चुके हैं.’’
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वॉशिंगटन से लेकर लंदन डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ विरोध प्रदर्शन, 'No Kings' प्रोटेस्ट में सड़कों पर उतरे लोग
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की नीतियों के विरोध में एक बड़ा वैश्विक आंदोलन शुरू हो गया है. इस अभियान का नाम ‘No Kings’ रखा गया है, जिसका मतलब है, हम किसी राजा को नहीं मानते. यह आंदोलन अमेरिका से लेकर यूरोप और एशिया तक फैल चुका है.
लंदन में शनिवार (18 अक्तूबर 2025) को अमेरिकी दूतावास के बाहर सैकड़ों लोग ट्रंप प्रशासन की नीतियों के खिलाफ इकट्ठा हुए. प्रदर्शनकारियों ने कहा कि वे राष्ट्रपति की बढ़ती तानाशाही बिहेविशयर और लोकतांत्रिक संस्थाओं पर खतरे के विरोध में खड़े हैं.
लंदन से शुरू हुआ विरोध, दुनिया तक फैला असर
लंदन की यह रैली नो किंग्स अभियान का पहला चरण मानी जा रही है. इसी के साथ दुनिया भर में करीब 2,600 से अधिक प्रदर्शन आयोजित किए गए हैं. स्पेन के मैड्रिड और बार्सिलोना जैसे शहरों में भी लोगों ने सड़कों पर उतरकर विरोध जताया. वहीं अमेरिका में न्यूयॉर्क, वॉशिंगटन और शिकागो में हजारों लोगों ने ट्रंप प्रशासन की नीतियों पर नाराजगी जताई.
लोगों ने कहा–’लोकतंत्र किसी का निजी साम्राज्य नहीं’
अभियान से जुड़ी संगठन इंडिविजिबल की सह-संस्थापक लीह ग्रीनबर्ग ने कहा कि यह प्रदर्शन लोकतंत्र की रक्षा के लिए है. उनका कहना था कि हमारे पास राजा नहीं हैं यह विचार ही अमेरिकी संविधान की आत्मा है. यह आंदोलन इस बात का संदेश देता है कि नागरिकों को फिर से अपनी आवाज उठानी होगी.
अमेरिका में बढ़ी हलचल और सुरक्षा
अमेरिका के कई हिस्सों में प्रदर्शनकारियों ने शांतिपूर्ण मार्च किया. वर्जीनिया में सैकड़ों लोग वॉशिंगटन डीसी की ओर बढ़े और अर्लिंग्टन कब्रिस्तान के पास जमा हुए. आयोजकों ने बताया कि इस अभियान को 300 से अधिक सामाजिक संगठनों का समर्थन प्राप्त हुआ है. अमेरिकन सिविल लिबर्टीज यूनियन (ACLU) ने भी हजारों स्वयंसेवकों को प्रशिक्षित किया है ताकि प्रदर्शन शांतिपूर्ण रहे.
नेताओं और हस्तियों ने दिया समर्थन
अमेरिका के प्रगतिशील नेता बर्नी सैंडर्स, एलेक्ज़ेंड्रिया ओकासियो-कोर्टेज़ और हिलेरी क्लिंटन ने भी इस अभियान का समर्थन किया. कई मशहूर हस्तियों ने सोशल मीडिया पर नो किंग्स हैशटैग के साथ एकता का संदेश दिया. कुछ महीनों पहले ट्रंप के जन्मदिन के समय भी इसी तरह के विरोध हुए थे, जिनमें लाखों लोग शामिल हुए थे.
ट्रंप बोले – ‘मैं राजा नहीं हूं’
ट्रंप ने विरोध प्रदर्शनों पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि उन्हें राजा कहना गलत है. उन्होंने यह भी कहा कि ये प्रदर्शन राजनीति से प्रेरित हैं और देश की छवि को नुकसान पहुंचाते हैं. रिपब्लिकन पार्टी के नेताओं ने भी इन विरोधों को एंटी-अमेरिका कैंपेन बताते हुए आलोचना की.
लोगों की आवाज को फिर से मिला मंच
अमेरिकी समाजशास्त्री डाना फिशर का मानना है कि नो किंग्स अभियान हाल के वर्षों में सबसे बड़ा जन आंदोलन साबित हो सकता है. उनका कहना है कि यह केवल ट्रंप की नीतियों का विरोध नहीं है, बल्कि यह उन लोगों की आवाज है, जो खुद को दबा हुआ महसूस कर रहे हैं. फिशर के अनुसार, इस आंदोलन में करीब तीन मिलियन से ज्यादा लोग शामिल हो सकते हैं, जो यह दिखाता है कि जनता अब खामोश नहीं रहेगी.
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Bihar Election 2025: नामांकन की आखिरी घड़ी में INDIA गठबंधन में घमासान, हेमंत सोरेन की JMM ने छोड़ा साथ!
बिहार विधानसभा चुनाव के दूसरे और अंतिम चरण के लिए नामांकन की प्रक्रिया खत्म होने में अब सिर्फ दो दिन बचे हैं, लेकिन विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ की अंदरूनी खींचतान थमने का नाम नहीं ले रही है.
सीट बंटवारे को लेकर जारी असमंजस में शनिवार (18 अक्टूबर) को एक और झटका तब लगा जब झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) ने गठबंधन से अलग होकर बिहार में अकेले चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी. पार्टी ने छह सीटों पर उम्मीदवार उतारने का ऐलान किया है.
इधर, गठबंधन की प्रमुख पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (राजद) कई सीटों पर अपने उम्मीदवार घोषित कर चुकी है, जिनमें कुछ ऐसे क्षेत्र भी हैं जहां उसके सहयोगी दल पहले से दावेदार हैं. फिर भी राजद की अंतिम सूची अभी तक जारी नहीं हो पाई है. कांग्रेस ने अब तक 54 उम्मीदवारों की घोषणा की है. शनिवार देर शाम जारी नई सूची में किशनगंज, कसबा, पूर्णिया और गया नगर जैसी सीटें शामिल हैं.
किशनगंज से कांग्रेस ने कमरुल होदा को टिकट दिया है, जो पहले एआईएमआईएम और बाद में राजद में थे. इसी तरह, कसबा सीट से इरफान आलम को मैदान में उतारा गया है. बताया जा रहा है कि पूर्णिया के सांसद पप्पू यादव की नाराजगी को देखते हुए अफाक आलम की जगह इरफान को मौका मिला. पूर्णिया से जितेंद्र यादव और गया नगर से महेंद्र श्रीवास्तव को टिकट दिया गया है.
सूत्रों के अनुसार, कांग्रेस इस बार 2020 की तुलना में कम सीटों पर चुनाव लड़ेगी. हालांकि टिकट वितरण को लेकर पार्टी में भारी असंतोष देखा गया. पटना में कई नाराज नेताओं ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर एआईसीसी प्रभारी कृष्णा अल्लावरु पर ‘टिकट बेचने’ के आरोप लगाए.
गठबंधन में फिलहाल कम से कम आठ सीटों पर दो सहयोगी दल आमने-सामने हैं, जिनमें तीन सीटों पर कांग्रेस और राजद के बीच सीधा मुकाबला संभव है. कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष राजेश राम की सीट कुटुंबा भी इसी विवाद में फंसी बताई जा रही है.
कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने दावा किया है कि समझौता लगभग तय है, नामांकन वापसी की अंतिम तारीख तक तस्वीर साफ हो जाएगी. उधर, एनडीए में भी सबकुछ सुचारू नहीं है. जद(यू) ने अंतिम क्षणों में अमौर सीट से साबिर अली को टिकट दे दिया, जबकि पहले सबा जफर का नाम तय था. वहीं मरहौरा सीट पर एलजेपी (रामविलास) की उम्मीदवार सीमा सिंह का नामांकन रद्द हो गया, जिससे राजद प्रत्याशी जितेंद्र राय को बढ़त मिलने की संभावना है. चुनाव जैसे-जैसे करीब आ रहे हैं, गठबंधनों की राजनीति उतनी ही उलझती जा रही है और मतदाताओं के लिए तस्वीर अभी भी धुंधली बनी हुई है.
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पहले मारा चांटा फिर कैमरा देख निकल गई हवा! पुलिस अधिकारी का ये वीडियो देख खौल उठेगा खून
सोशल मीडिया पर इन दिनों आगरा का एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है जिसने पुलिस की कार्यशैली पर फिर से सवाल खड़े कर दिए हैं. वायरल क्लिप में एक पुलिस अधिकारी एक छोटे से लोकल कारखाने में पूछताछ के दौरान एक शख्स को जोरदार थप्पड़ मारता दिखाई दे रहा है. चौंकाने वाली बात यह है कि अधिकारी ने यह सब कुछ कैमरे के सामने कर दिया. लेकिन जैसे ही उसकी नजर ऊपर लगे CCTV कैमरे पर पड़ी, उसका चेहरा देखने लायक था. कुछ ही सेकंड में उसका पूरा आत्मविश्वास गायब हो गया और वो अपने साथी के साथ ऐसे वहां से निकल गया जैसे घबरा गया हो.
वीडियो में देखा जा सकता है कि एक छोटा सा कारखाना है, जहां एक पुलिस अधिकारी वहां कारखाने के एक जिम्मेदार से कर रहा है. तभी पुलिस अधिकारी बातचीत के दौरान ऐसा करता है जिससे लोगों का खून खौल गया है. कुछ पल की बातचीत के बाद पुलिस अधिकारी अचानक वह वहां खड़े व्यक्ति को जोरदार चांटा जड़ देता है. आसपास खड़े लोग हैरान रह जाते हैं. थप्पड़ खाने वाला शख्स भी कुछ समझ नहीं पाता और वहीं खड़ा रह जाता है. तभी अधिकारी की नजर ऊपर लगे CCTV कैमरे पर जाती है. कैमरा देखकर उसका हावभाव बदल जाता है और वो बिना कुछ कहे तुरंत वहां से निकलने की कोशिश करता है.
Police Officer Slaps Local Businessman During Inquiry — Caught on Camera; Agra, UP
pic.twitter.com/m8bo2TPHhSबताया जा रहा है कि यह मामला आगरा के एक औद्योगिक इलाके का है, जहां एक स्थानीय पुलिस टीम किसी बात को लेकर पहुंची थी. हालांकि, अब इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद पुलिस विभाग की किरकिरी हो रही है. यूजर्स लगातार सवाल उठा रहे हैं कि जब पुलिस खुद कानून तोड़ने लगे तो आम जनता न्याय के लिए कहां जाए.
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वीडियो को @gharkekalesh नाम के एक्स अकाउंट से शेयर किया गया है जिसे अब तक लाखों लोगों ने देखा है तो वहीं कई लोगों ने वीडियो को लाइक भी किया है. ऐसे में सोशल मीडिया यूजर्स वीडियो को लेकर तरह तरह के रिएक्शन दे रहे हैं. एक यूजर ने लिखा…दूसरे थप्पड़ से तो कैमरे ने बचा लिया लेकिन अब कैमरे से पुलिस वाले को कौन बचाएगा? एक और यूजर ने लिखा…सीसीटीवी ने बचा लिया वरना पता नहीं कितने चांटे पड़ते. तो वहीं एक और यूजर ने लिखा…इन पुलिस वालों पर लगाम जरूरी है, ये खुद नियम भूल बैठे हैं.
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कांग्रेस नेता पूनम पंडित और सपा नेता दीपक गिरी की सगाई विवादों में, गंभीर आरोपों के बाद पद से हटाए गए
मेरठ में समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) युवक सभा के जिलाध्यक्ष दीपक गिरी और किसान आंदोलन से चर्चाओं में आईं कांग्रेस नेता पूनम पंडित की सगाई विवादों में घिर गई है. दोनों नेताओं की सगाई के बाद ऐसा विवाद उठा कि दीपक गिरी को अपने पार्टी पद से ही हटा दिया गया. फिलहाल, दीपक गिरी और उनपर आरोप लगाने वाली महिला के बीच सोशल मीडिया पर आरोप प्रत्यारोप का सिलसिला जारी है.
गौरतलब है सपा नेता दीपक गिरी ने 15 अक्टूबर को कांग्रेस नेता पूनम पंडित से सगाई की थी. सगाई समारोह की तस्वीरें उन्होंने अपने सोशल मीडिया अकाउंट्स पर शेयर की थीं. अगले दिन यानी 16 अक्टूबर को मवाना में उनके घर पर एक महिला दुर्गेश नंदिनी पहुंची और जोरदार हंगामा किया. इसका वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ.
इसके बाद दुर्गेश ने 26 मिनट का वीडियो अपने फेसबुक अकाउंट पर पोस्ट किया, जिसमें उसने दीपक गिरी पर चार साल तक शारीरिक और मानसिक शोषण करने का गंभीर आरोप लगाया. साथ ही एक समझौता करने का एक कथित एफिडेविड भी सोशल मीडिया पर वायरल किया, जिसमें दीपक गिरी और महिला ने अपने संबंधों का जिक्र करते हुए आपस में शादी की बात कही है.
यह दुर्गेश नंदिनी का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया. इसके बाद मामला बढ़ने पर पार्टी ने तत्काल संज्ञान लिया और दीपक गिरी को सपा युवजन सभा जिलाध्यक्ष के पद से हटा दिया. यह आदेश प्रदेश अध्यक्ष अरविंद गिरी ने जारी किया. हालांकि, पार्टी की ओर से हटाने का औपचारिक कारण सार्वजनिक नहीं किया गया, लेकिन माना जा रहा है कि महिला द्वारा लगाए गए आरोप और विवादित वीडियो के वायरल होने के बाद यह कदम उठाया गया.
घटना के बाद से दीपक गिरी ने इस पूरे मामले पर सोशल मीडिया पर अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा यह सब उनके विरोधियों द्वारा की गई एक साजिश है और दुर्गेश नंदिनी पर भी कई आरोप लगा डाले. फिलहाल, इस मामले में कांग्रेस नेता पूनम पंडित ने भी अब तक चुप्पी साध रखी है. माना जा रहा है कि इस विवाद के चलते कहीं पूनम पंडित और दीपक गिरी की सगाई खतरे में ना पड़ जाए.
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दिवाली गिफ्ट देने के बारे में सोच रहे हैं, FASTag का एनुअल पास है बिल्कुल न्यू और ग्रेट चॉइस
दिवाली पर सबसे ज्यादा कन्फ्यूजन भरा और टाइम कंज्यूमिंग काम होता है, फ्रेंड्स और फैमिली के लिए दिवाली गिफ्ट खरीदना. अक्सर लोग गिफ्ट के तौर पर कपड़े, क्रॉकरी या गिफ्ट पैक देते हैं. ऐसे में इन ट्रेडिशनल गिफ्ट आइडियाज को यूज करके आप भी बोर हो गए हैं तो ये बिल्कुल न्यू और बढ़िया दिवाली गिफ्ट आइडिया आएगा आपके काम.
इस बार दिवाली पर अपने फ्रेंड को FASTag का एनुअल पास करें गिफ्ट. दरअसल, NHAI ने यात्रियों को स्मूद और बेहतर ट्रैवल एक्सपीरियंस देने के लिए FASTag एनुअल पास लॉन्च किया है. ये एक पास आपको लॉन्ग टाइम बेनिफिट देगा. ऐसे में आइए जानते हैं कि कैसे बन सकता है ये शानदार दिवाली गिफ्ट?
क्या है FASTag एनुअल पास?
NHAI ने नेशनल हाईवे पर यात्रा करने वाले को सुविधा देने के लिए FASTag एनुअल पास लॉन्च किया है, जिससे यात्री टोल चार्जेस देते वक्त अपने पैसे बचा सकते हैं. ये एक तरह से मोबाइल रिचार्ज के एनुअल प्लान की तरह काम करता है, जिसमें वन टाइम ईयरली प्लान आपको मंथली प्लान के मुकाबले सस्ता पड़ता है. इसी तरह इस एनुअल पास में भी होता है. इसमें अगर आप एक बार में 3000 का रिचार्ज करते हैं तो आपको एक साल में 200 टोल प्लाजा क्रॉस करने की फैसिलिटी मिलेगी, जिसके लिए आपको पहले 10 हजार रूपये देने पड़ते थे.
फास्टैग पास कैसे करेगा काम?
फास्टैग के एनुअल पास लेने पर आपको इसमें वन ईयर का टोल क्रॉस करने का सब्सक्रिप्शन मिलता है. इसमें आपको एक साल में 200 टोल प्लाजा क्रॉस करने की फैसिलिटी या फिर एक साल की यात्रा जो भी पहले हो, मिलती है. एक बार पास का फ्री जर्नी टाइम खत्म होने पर इसे दुबारा रिचार्ज करके एक्टिवेट करना होता है. साथ ही इसमें प्री-पेमेंट मैथड का इस्तेमाल किया जाता है.
कैसे दे सकते हैं ये बेहतरीन दिवाली गिफ्ट?
दिवाली पर अगर आप ये यूनिक गिफ्ट किसी को देना चाहते हैं तो बड़ी आसानी से दे सकते हैं. इसके लिए आपको बस राजमार्ग यात्री ऐप पर जाना है. इसके बाद एड पास के ऑप्शन पर क्लिक करना है. फिर आप जिसको भी ये सब्सक्रिप्शन गिफ्ट करना चाहते हैं, उसका व्हीकल नंबर वहां दर्ज करें और उस इंसान की कॉन्टैक्ट डिटेल्स एड करें. फिर ओटीपी वेरिफिकेशन होते ही ये पास एक्टिवेट हो जाएगा. इसकी खास बात ये है कि इस पास की सुविधा तकरीबन 1,150 टोल प्लाजा पर मौजूद है.
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आंखों में सपने लिए, घर से हम चल तो दिए, जानें ये राहें अब ले जाएंगी कहां… कहने को तो ये सिंगर शान के गाने तन्हा दिल की शुरुआती लाइनें हैं, लेकिन दीपाली की जिंदगी पर बखूबी लागू होती हैं. पूरा नाम दीपाली बिष्ट, जो पहाड़ की खूबसूरत दुनिया से ताल्लुक रखती हैं. किसी जमाने में दीपाली के लिए पत्रकारिता का मतलब सिर्फ कंधे पर झोला टांगकर और हाथों में अखबार लेकर घूमने वाले लोग होते थे, लेकिन धीरे-धीरे उनकी आंखों में इसी दुनिया का सितारा बनने के सपने पनपने लगे और वह भी पत्रकारिता की दुनिया में आ गईं. उन्होंने अपने इस सफर का पहला पड़ाव एबीपी न्यूज में डाला है, जहां वह ब्रेकिंग, जीके और यूटिलिटी के अलावा लाइफस्टाइल की खबरों से रोजाना रूबरू होती हैं.
दिल्ली में स्कूलिंग करने वाली दीपाली ने 12वीं खत्म करने के बाद दिल्ली विश्वविद्यालय में एडमिशन लिया और सत्यवती कॉलेज से पॉलिटिकल साइंस ऑनर्स में ग्रैजुएशन किया. ग्रैजुएशन के दौरान वह विश्वविद्यालय की डिबेटिंग सोसायटी का हिस्सा बनीं और अपनी काबिलियत दिखाते हुए कई डिबेट कॉम्पिटिशन में जीत हासिल की.
साल 2024 में दीपाली की जिंदगी में नया मोड़ तब आया, जब उन्होंने गुलशन कुमार फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया (नोएडा) से टीवी जर्नलिज्म में पोस्टग्रेजुएट डिप्लोमा की डिग्री हासिल की. उस दौरान उन्होंने रिपोर्टिंग, एडिटिंग, कंटेंट राइटिंग, रिसर्च और एंकरिंग की बारीकियां सीखीं. कॉलेज खत्म करने के बाद वह एबीपी नेटवर्क में बतौर कॉपीराइटर इंटर्न पत्रकारिता की दुनिया को करीब से समझ रही हैं.
घर-परिवार और जॉब की तेज रफ्तार जिंदगी में अपने लिए सुकून के पल ढूंढना दीपाली को बेहद पसंद है. इन पलों में वह पोएट्री लिखकर, उपन्यास पढ़कर और पुराने गाने सुनकर जिंदगी की रूमानियत को महसूस करती हैं. इसके अलावा अपनी मां के साथ मिलकर कोरियन सीरीज देखना उनका शगल है. मस्ती करने में माहिर दीपाली को घुमक्कड़ी का भी शौक है और वह आपको दिल्ली के रंग-बिरंगे बाजारों में शॉपिंग करती नजर आ सकती हैं.
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