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  • IND vs AUS: भारत-ऑस्ट्रेलिया के पहले वनडे में इन 5 खिलाड़ियों के प्रदर्शन पर रहेंगी नजरें, अकेले पलट सकते हैं मैच का रुख

    IND vs AUS: भारत-ऑस्ट्रेलिया के पहले वनडे में इन 5 खिलाड़ियों के प्रदर्शन पर रहेंगी नजरें, अकेले पलट सकते हैं मैच का रुख

    India vs Australia First ODI: भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच वनडे सीरीज की शुरुआत 19 अक्टूबर से होने जा रही है. इस सीरीज का पहला वनडे पर्थ में खेला जाएगा. ये मैच भारतीय समयानुसार सुबह 9 बजे से शुरू होगा. इस बार भारत की वनडे टीम की कमान शुभमन गिल के हाथों में है. वहीं ऑस्ट्रेलियाई ODI टीम के कप्तान मिशेल मार्श हैं. इस सीरीज में रोहित शर्मा और विराट कोहली भी सात महीने बाद भारतीय टीम के लिए खेलते नजर आने वाले हैं. दोनों ही टीमों में कई दमदार प्लेयर शामिल हैं, जो अकेले ही मैच का रुख पलटने की काबिलियत रखते हैं. आइए उन खिलाड़ियों के बारे में जानते हैं, जिनके प्रदर्शन पर पहले वनडे में ही सभी की निगाहें टिकने वाली हैं.

    ऑस्ट्रेलिया दौरे पर शुभमन गिल के कंधों पर बड़ी जिम्मेदारी है. रोहित शर्मा की जगह बीसीसीआई ने वनडे टीम की कप्तानी गिल को सौंपी है. वहीं रोहित शर्मा इस सीरीज में बतौर बल्लेबाज खेल रहे हैं. शुभमन गिल को कप्तानी के साथ ही बल्ले से भी दमदार प्रदर्शन करना होगा.

    इंग्लैंड के खिलाफ पांच मैचों की टेस्ट सीरीज के दौरान भी शुभमन गिल पहली बार भारत की टेस्ट टीम के कप्तान बनाए गए थे. वहीं सीरीज खत्म होने के बाद गिल सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज के तौर पर सामने आए. वहीं ऑस्ट्रेलिया दौरे पर भी गिल से इसी प्रदर्शन की उम्मीद की जा रही है.

    रोहित शर्मा टेस्ट और टी20 इंटरनेशनल से संन्यास ले चुके हैं. ऑस्ट्रेलिया दौरे पर रोहित से वनडे की कप्तानी लेकर शुभमन गिल को दे दी गई है. इस सीरीज के पहले वनडे में सभी की निगाहें रोहित शर्मा के प्रदर्शन पर रहेंगी, क्योंकि वे अपनी धाकड़ बल्लेबाजी से मैच का रुख पूरी तरह भारत की तरफ कर सकते हैं.

    रोहित शर्मा की तरह विराट कोहली भी 7 महीने बाद भारतीय टीम के लिए खेलते नजर आएंगे. ये दोनों स्टार प्लेयर्स भारत के लिए आखिरी बार चैंपियंस ट्रॉफी 2025 में खेलते नजर आए थे. विराट ने टीम इंडिया को कई मैच जिताए हैं. कोहली ऐसे खिलाड़ी हैं जो मैदान पर खड़े होकर पूरा मैच अपने कब्जे में रखने का दमखम रखते हैं. ऐसे में पहले वनडे में विराट कोहली के प्रदर्शन पर भी सभी की निगाहें रहने वाली हैं.

    ऑस्ट्रेलिया के ओपनिंग बल्लेबाज ट्रेविस हेड धाकड़ बल्लेबाजी के लिए जाने जाते हैं. वनडे में इस खिलाड़ी का बल्लेबाजी औसत 44.57 का है. हेड 76 वनडे मैच में अब तक 2,942 रन बना चुके हैं. हेड का वनडे में बेस्ट स्कोर नाबाद 154 रन है. भारत को पहला वनडे जीतने के लिए ट्रेविस हेड को जल्दी ही आउट करना होगा.

    ऑस्ट्रेलिया के ही नहीं, बल्कि दुनिया के सबसे धाकड़ गेंदबाजों में मिचेल स्टार्क का नाम आता है. भारत के खिलाफ पहले वनडे में स्टार्क को डिफेंड करना भारतीय बल्लेबाजों के लिए बड़ी चुनौती होगी. मिचेल स्टार्क वनडे में अब तक 127 मैचों में 244 विकेट हासिल कर चुके हैं. वे ODI में अपने 250 विकेट पूरे करने से केवल 6 विकेट दूर हैं.

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  • Airstrike In Afghanistan: अफगानिस्तान में क्रिकेटरों की मौत पर ICC लेगा एक्शन? जय शाह ने जताया दुख

    Airstrike In Afghanistan: अफगानिस्तान में क्रिकेटरों की मौत पर ICC लेगा एक्शन? जय शाह ने जताया दुख

    ICC Stand On Afghanistan Airstrike: अफगानिस्तान में 17 अक्टूबर की देर रात पाकिस्तान की तरफ से हवाई हमला हुआ, जिसमें कई नागरिकों समेत तीन स्थानीय क्रिकेटरों की मौत हो गई. इस घटना पर इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल के चेयरपर्सन जय शाह का बयान सामने आया है. आईसीसी चेयरमैन जय शाह ने इस हमले में मारे गए तीन युवा अफगान खिलाड़ियों की मौत पर दुख जताया है.

    आईसीसी चेयरपर्सन जय शाह ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि तीन युवा अफगान क्रिकेटरों, कबीर आगा, सिबगतुल्लाह और हारून की मौत से काफी दुख है, जिनके सपने इस नापाक हमले की वजह से अधूरे रह गए. इन होनहार खिलाड़ियों के निधन से केवल अफगानिस्तान क्रिकेट का नहीं बल्कि पूरे क्रिकेट जगत का नुकसान हुआ है. हम अफगानिस्तान क्रिकेट बोर्ड और उन लोगों के साथ एकजुटता के साथ खड़े हैं, जिन्होंने इस हमले में अपने परिवार के लोगों को खोया है.

    Deeply saddened by the loss of three young Afghan cricketers, Kabeer Agha, Sibghatullah, and Haroon, whose dreams were cut short by a senseless act of violence. The loss of such promising talent is a tragedy not just for Afghanistan but for the entire cricketing world. We stand…

    जय शाह के इस बयान का अफगानिस्तान क्रिकेट बोर्ड ने भी सम्मान किया है और ACB की अपील पर इस हमले के खिलाफ ICC की तरफ से बयान जारी करने के लिए भी आभार जताया है. बोर्ड की तरफ से आगे कहा गया है कि एसीबी ने हमेशा ही क्रिकेट को राजनीति से अलग रखा है और हमेशा ही अपने अपने फैसले को आईसीसी के फ्रेमवर्क के आधार पर ही तय किया है.

    दरअसल, अफगानिस्तान क्रिकेट बोर्ड ने इस हमले में मारे गए तीन खिलाड़ियों की मौत का मामला ICC के समक्ष रखा था, जिसके बाद आईसीसी चेयरमैन जय शाह का बयान सामने आया है और उन्होंने इस हमले की निंदा की है. इसके साथ ही तीन अफगान खिलाड़ियों की मौत को क्रिकेट जगत की क्षति बताया है. लेकिन जय शाह या आईसीसी की तरफ से किसी भी तरह के कोई एक्शन लेने की बात अभी तक नहीं कही गई है.

    The Afghanistan Cricket Board extends its sincere gratitude to the @ICC for issuing its statement following the ACB’s appeal. This gesture genuinely reflects the ICC’s neutrality, compassion, and commitment to fairness in expressing its sorrow and sympathy over the tragic…

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  • दिल्ली: JNU में पुलिस और छात्रों के बीच झड़प, इस बात को लेकर जमकर हुआ बवाल

    दिल्ली: JNU में पुलिस और छात्रों के बीच झड़प, इस बात को लेकर जमकर हुआ बवाल

    जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी के छात्रों और पुलिस के झड़प की खबर सामने आई है. छात्रों की ओर से नेल्शन मंडेला मार्ग की तरफ मार्च निकाली जा रही थी. पुलिस ने छात्रो को समझाने की कोशिश की, लेकिन छात्रों ने आक्रोशित होकर धक्का मुक्की शुरू कर दी. पुलिस के साथ बदसुलूकी की भी की गई है. इस मामले में पुलिस ने 28 ने छात्रों को हिरासत में लिया है. फिलहाल छात्रों की तरफ से जमकर हंगामा किया जा रहा है.

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  • देसी इलाज के चक्कर में सेहत हो जाएगी बर्बाद, जानिए कैसे हर्बल का सेवन कर रहा शरीर का सत्यानाश!

    देसी इलाज के चक्कर में सेहत हो जाएगी बर्बाद, जानिए कैसे हर्बल का सेवन कर रहा शरीर का सत्यानाश!

    आज के समय में लोग अपनी सेहत को लेकर पहले से ज्यादा जागरूक हो गए हैं. हर कोई चाहता है कि वह फिट और एक्टिव रहे, बीमारियां पास भी न फटकें. इसी चक्कर में लोग देसी नुस्खों और हर्बल सप्लीमेंट्स की तरफ तेजी से अट्रैक्ट हो रहे हैं. टीवी, इंटरनेट और सोशल मीडिया पर तरह-तरह के हेल्थ प्रोडक्ट्स का प्रचार होता है, जैसे हल्दी कैप्सूल, अश्वगंधा टेबलेट, ग्रीन टी एक्सट्रैक्ट. इन्हें नेचुरल, ऑर्गेनिक और सेफ कहकर बेचा जाता है. हम में से कई लोग यही सोचते हैं कि अगर कोई चीज नेचुरल है, तो वह नुकसान नहीं पहुंचा सकती, लेकिन हकीकत यह है कि हर नेचुरल चीज हेल्दी नहीं होती है.

    खासकर जब इन्हें सप्लीमेंट या कैप्सूल के रूप में ज्यादा मात्रा में लिया जाए, तो ये शरीर को फायदा पहुंचाने की जगह गंभीर नुकसान भी पहुंचा सकती हैं. इसका सबसे ज्यादा असर हमारे लिवर पर पड़ता है. लिवर हमारे शरीर का एक बेहद जरूरी अंग है, जो खून साफ करने, टॉक्सिन्स बाहर निकालने और पाचन में मदद करता है. लेकिन कुछ हर्बल सप्लीमेंट्स लिवर पर इतना भार डाल सकते हैं कि वह धीरे-धीरे खराब होने लगता है और इसका असर पूरे शरीर पर पड़ता है. ऐसे में आइए आज हम आपको ऐसी हर्बल या नेचुरल चीजों के बारे में बताते हैं, जो दिखने में तो देसी इलाज जैसी लगती हैं, लेकिन लिवर की सेहत के लिए खतरा बन सकती हैं. 

    1. हल्दी – हम भारतीय घरों में हल्दी का खूब यूज करते हैं. सब्जी में, दूध में, और देसी इलाज में भी, ये सूजन कम करने और इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए जानी जाती है. लेकिन अब हल्दी के कैप्सूल और पाउडर जैसे सप्लीमेंट्स का चलन बढ़ गया है. हालांकि इससे समस्या तब होती है जब इसे जरूरत से ज्यादा मात्रा में लिया जाता है. ऐसा करने से लिवर पर दबाव बढ़ जाता है. कुछ रिसर्च के अनुसार, ज्यादा हल्दी के सप्लीमेंट लेने से लिवर डैमेज और किडनी स्टोन तक हो सकते हैं. इसलिए हल्दी को अपने खाने में सीमित मात्रा में लेना ठीक है, लेकिन इसके सप्लीमेंट बिना डॉक्टर की सलाह के नहीं लेने चाहिए. 

    2. अश्वगंधा – अश्वगंधा को भारतीय आयुर्वेद में बहुत ताकतवर औषधि माना गया है. यह तनाव कम करने, नींद बेहतर करने और शरीर की एनर्जी बढ़ाने में मदद करता है. लेकिन आजकल इसके टैबलेट्स और पाउडर सप्लीमेंट के रूप में बेचे जा रहे हैं और लोग बिना डॉक्टर की राय के इन्हें नियमित रूप से लेने लगे हैं. अगर इसकी मात्रा सही न हो या इसमें मिलावट हो, तो यह लिवर इंफ्लेमेशन और हेपटोटोक्सिसिटी जैसी समस्याएं पैदा कर सकता है. अगर आपको पहले से कोई लिवर की बीमारी है, तो अश्वगंधा लेना बिल्कुल भी ठीक नहीं है. 

    3. ग्रीन टी एक्सट्रैक्ट – ग्रीन टी पीना तो सेहत के लिए ठीक है, लेकिन आजकल लोग वजन घटाने और फैट कम करने के चक्कर में ग्रीन टी एक्सट्रैक्ट के कैप्सूल्स लेने लगे हैं. इनमें मौजूद एक तत्व कैटेचिन्स होता है. ये जब शरीर में ज्यादा मात्रा में पहुंचता है, तो लिवर को नुकसान पहुंचा सकता है. कुछ मामलों में तो लोगों को लीवर फेलियर तक हो गया है. 

    4. ब्लैक कोहोश – ब्लैक कोहोश एक हर्बल जड़ी-बूटी है, जो खासतौर पर महिलाओं में मेनोपॉज के लक्षणों को कम करने के लिए ली जाती है. लेकिन ये एक ऐसी जड़ी-बूटी है, जिसे अगर बिना डॉक्टरी सलाह के लिया जाए, तो लिवर में सूजन, पीलिया या यहां तक कि हेपेटाइटिस जैसी गंभीर बीमारियां हो सकती हैं. जिन महिलाओं को पहले से लिवर की कोई भी समस्या है, उन्हें इस सप्लीमेंट से बिल्कुल दूर रहना चाहिए. 

    5. रेड यीस्ट राइस – रेड यीस्ट राइस को आमतौर पर कोलेस्ट्रॉल कम करने के लिए यूज किया जाता है. इसमें एक तत्व पाया जाता है जिसका नाम Monacolin K है –जो कि लिवर पर असर डालता है.हर रेड यीस्ट राइस प्रोडक्ट में इस तत्व की मात्रा अलग होती है, इसलिए कब और कितना नुकसान होगा, ये कहना मुश्किल है. कुछ मामलों में इसके कारण लिवर एंजाइम बढ़ जाते हैं, जो आगे चलकर लिवर डैमेज की शुरुआत हो सकती है. 

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    Disclaimer: यह जानकारी रिसर्च स्टडीज और विशेषज्ञों की राय पर आधारित है. इसे मेडिकल सलाह का विकल्प न मानें. किसी भी नई गतिविधि या व्यायाम को अपनाने से पहले अपने डॉक्टर या संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.

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  • ट्रंप के टैरिफ पर भारत के लिए कब आएगी गुड न्यूज? पीयूष गोयल ने दिया जवाब, बोले- 'बातचीत…'

    ट्रंप के टैरिफ पर भारत के लिए कब आएगी गुड न्यूज? पीयूष गोयल ने दिया जवाब, बोले- 'बातचीत…'

    केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने शनिवार (18 अक्टूबर, 2025) को भारत और अमेरिका के बीच चल रही व्यापार बातचीत को लेकर बड़ा बयान दिया है. पीयूष गोयल ने कहा कि प्रस्तावित द्विपक्षीय व्यापार समझौते पर भारत और अमेरिका के बीच बातचीत सौहार्दपूर्ण माहौल में आगे बढ़ रही है. उन्होंने यह भी कहा कि भारत किसानों, मछुआरों और MSMEs के हितों की रक्षा के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है.

    गोयल ने GST बचत उत्सव पर आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘भारत के किसानों का, मछुआरों का, भारत के MSME (सूक्ष्म, लघु और मझोले उद्यम) क्षेत्र का, जब तक देश हितों को पूरी तरह से हम संभाल नहीं लेते, तब तक कोई समझौता नहीं हो सकता.’

    प्रस्तावित समझौते पर दोनों देशों के बीच बातचीत की प्रगति और इसके कब तक पूरा होने के बारे में पूछे गए एक सवाल के जवाब में गोयल ने कहा, ‘बातचीत सौहार्दपूर्ण माहौल में चल रही है.’ यह टिप्पणी महत्वपूर्ण है क्योंकि अमेरिका भारत के कृषि क्षेत्र में रियायतें चाह रहा है.

    वाणिज्य सचिव ने वाशिंगटन में भारतीय अधिकारियों का किया नेतृत्व

    वाणिज्य सचिव राजेश अग्रवाल के नेतृत्व में भारतीय अधिकारियों का दल इस सप्ताह अपने अमेरिकी समकक्षों के साथ व्यापार वार्ता करने के लिए वाशिंगटन में था. इस साल फरवरी में, भारत और अमेरिका के नेताओं ने अधिकारियों को एक प्रस्तावित द्विपक्षीय व्यापार समझौते (BTA) पर बातचीत आगे बढ़ाने को कहा था.

    उन्होंने समझौते के पहले चरण को 2025 में अक्टूबर-नवंबर तक पूरा करने की समयसीमा तय की है. अब तक पांच दौर की वार्ता पूरी हो चुकी है. पिछले महीने, गोयल ने व्यापार वार्ता के लिए एक आधिकारिक प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व न्यूयॉर्क में किया था.

    दुनिया भर में भारत के वस्तुओं और सेवाओं की मांग- गोयल

    गोयल ने भरोसा जताया कि अमेरिकी शुल्क के कारण वैश्विक चुनौतियों के बावजूद भारत के निर्यात में सकारात्मक वृद्धि होगी. उन्होंने कहा कि इस वित्त वर्ष के पहले छह महीनों (अप्रैल-सितंबर) के दौरान देश के वस्तु और सेवा निर्यात में वृद्धि दर्ज की गई है.

    चालू वित्त वर्ष 2025-26 के अप्रैल-सितंबर के दौरान यह लगभग पांच प्रतिशत बढ़कर 413.3 अरब डॉलर हो गया. इस अवधि के दौरान भारत का वस्तु निर्यात भी तीन प्रतिशत बढ़कर 220.12 अरब डॉलर रहा. उन्होंने कहा, ‘दुनियाभर में हमारी वस्तुओं और सेवाओं की मांग है और भारत इस वृद्धि के रास्ते पर आगे बढ़ता रहेगा और हमें विश्वास है कि 2025-26 में देश के निर्यात में सकारात्मक वृद्धि होगी.’

    GST सुधार से देश की अर्थव्यवस्था को मिलेगी गति- गोयल

    एक सवाल के जवाब में गोयल ने यह भी कहा कि जीएसटी में सुधार से अर्थव्यवस्था को गति मिलेगी और वैश्विक चुनौतियों के प्रभाव से निपटने में मदद मिलेगी. उन्होंने जीएसटी दरों में हाल में कटौती के लाभ का जिक्र करते हुए कहा, ‘जीएसटी की घोषणा होते ही निवेशकों को तुरंत एहसास हो गया कि यह एक बड़ा लाभ है. मांग में भारी वृद्धि होगी.’

    यह पूछे जाने पर कि क्या कुछ ई-कॉमर्स कंपनियों ने जीएसटी कटौती का लाभ उपभोक्ताओं तक नहीं पहुंचाया है, मंत्री ने कहा कि आमतौर पर सभी कंपनियों ने लाभ पहुंचाया है और इसके अलावा उन्होंने नकद बोनस और छूट की भी घोषणा की है.

    गोयल ने कहा, ‘लेकिन अगर किसी साइट या मंच ने लाभ नहीं पहुंचाया है, तो उपभोक्ता मामलों की शिकायत कर सकता है और उपभोक्ता मामलों का विभाग उस पर जरूरी कदम उठाएगा. सभी उद्योगों और कंपनियों ने मुझे आश्वासन दिया है कि पूरा लाभ उपभोक्ताओं तक पहुंचाया जाएगा.’

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  • दिवाली में बाजार से न ले आना नकली मिठाईयां, ऐसे करें असली और नकली की पहचान

    दिवाली में बाजार से न ले आना नकली मिठाईयां, ऐसे करें असली और नकली की पहचान

    दिवाली का त्यौहार मिठास और खुशियों से भर होता है. लोग एक-दूसरे को मिठाई खिलाते हैं. लेकिन इस खुशियों वाले त्योहार में कुछ लोग अपनी हरकतों से जहर घोल देते हैं और ये जहर असर दिखाता है लोगो की हेल्थ पर. 

    दरअसल, दिवाली के समय बाजार में बिकने वाली मिठाईयों में से आधी मिठाईयां तो नकली और मिलावटी होती हैं. कहीं इनमें चूना मिलाया जाता है तो कहीं कैमिकल मिलाकर इन्हें तैयार किया जाता है और लोगों की हेल्थ से खिलवाड़ किया जाता है. फेस्टिव सीजन के टाइम पर आए दिन अखबारों और न्यूज पर मिलावट की खबरें दिखाई जाती हैं. ऐसे में मिठाई लेते वक्त आपको अलर्ट रहना चाहिए. मिठाई लेने जाने से पहले आपको असली और नकली मिठाईयों में फर्क भी जान लेना चाहिए ताकि आप भी मार्केट में जाकर धोखा न खाएं और नकली और मिलावटी मिठाई घर न ले आएं. 

    बाजार में बिकने वाली सारी मिठाईयां ही बाहर से देखने में असली और टेस्टी नजर आती हैं. इन्हें एक नजर देखकर पहचानना थोड़ा मुश्किल होता है. ऐसे में आप ये तरीका इस्तेमाल कर सकते हैं. दिवाली पर ज्यादातर मिठाइयां खोए की बनती हैं. असली-नकली की पहचान करने के लिए आपको एक बरतन में गर्म पानी लेना है और उसमें मिठाई को डालना है. अगर इसका रंग नीला हो जाता है तो समझ जाएं कि खोया नकली है. साथ ही अगर हाथ लगाने पर ये मुलायम होगा तो असली होगा नहीं तो इसका रबर जैसा होना बताता है कि ये सिंथेटिक है. इसके अलावा आप असली-नकली की पहचान करने के लिए इसे टेस्ट भी कर सकते हैं. अगर ये टेस्ट करने पर मुंह में घुल जाता है और इसकी स्मेल दूध जैसी है तो ये असली है वरना बिना स्मेल के खोया नकली है.

    देखकर किसी मिठाई के बारे में असली या नकली कहना मुश्किल है. लेकिन इसके कुछ तरीके जरूर हैं, जिनसे इन्हें पहचान सकते हैं. अगर कोई मिठाई ज्यादा रंगी हुई नजर आ रही है तो कोशिश करें कि उसे न ही खरीदें क्योंकि उसमें मिला हुआ सिंथेटिक कलर सेहत को नुकसान कर सकता है. नकली मिठाईयों को सूंघकर भी पहचाना जा सकता है. अगर मिठाई पाम ऑयल या डालडा की बनी है तो इसमें से अलग महक आएगी. साथ ही मिठाई लेते वक्त हमेशा थोड़े से टुकड़े को हाथ में लेकर मसल कर देखें. अगर इसमें ऑयल बहुत ज्यादा है तो समझ जाए कि ये घी से नहीं बनी है. इसके अलावा मिठाई खरीदते वक्त हमेशा उसे टेस्ट करके लेना चाहिए कि कही इसमें कोई खटास या फिर कड़वा टेस्ट तो नहीं आ रहा.

    आंखों में सपने लिए, घर से हम चल तो दिए, जानें ये राहें अब ले जाएंगी कहां… कहने को तो ये सिंगर शान के गाने तन्हा दिल की शुरुआती लाइनें हैं, लेकिन दीपाली की जिंदगी पर बखूबी लागू होती हैं. पूरा नाम दीपाली बिष्ट, जो पहाड़ की खूबसूरत दुनिया से ताल्लुक रखती हैं. किसी जमाने में दीपाली के लिए पत्रकारिता का मतलब सिर्फ कंधे पर झोला टांगकर और हाथों में अखबार लेकर घूमने वाले लोग होते थे, लेकिन धीरे-धीरे उनकी आंखों में इसी दुनिया का सितारा बनने के सपने पनपने लगे और वह भी पत्रकारिता की दुनिया में आ गईं. उन्होंने अपने इस सफर का पहला पड़ाव एबीपी न्यूज में डाला है, जहां वह ब्रेकिंग, जीके और यूटिलिटी के अलावा लाइफस्टाइल की खबरों से रोजाना रूबरू होती हैं. 

    दिल्ली में स्कूलिंग करने वाली दीपाली ने 12वीं खत्म करने के बाद दिल्ली विश्वविद्यालय में एडमिशन लिया और सत्यवती कॉलेज से पॉलिटिकल साइंस ऑनर्स में ग्रैजुएशन किया. ग्रैजुएशन के दौरान वह विश्वविद्यालय की डिबेटिंग सोसायटी का हिस्सा बनीं और अपनी काबिलियत दिखाते हुए कई डिबेट कॉम्पिटिशन में जीत हासिल की. 

    साल 2024 में दीपाली की जिंदगी में नया मोड़ तब आया, जब उन्होंने गुलशन कुमार फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया (नोएडा) से टीवी जर्नलिज्म में पोस्टग्रेजुएट डिप्लोमा की डिग्री हासिल की. उस दौरान उन्होंने रिपोर्टिंग, एडिटिंग, कंटेंट राइटिंग, रिसर्च और एंकरिंग की बारीकियां सीखीं. कॉलेज खत्म करने के बाद वह एबीपी नेटवर्क में बतौर कॉपीराइटर इंटर्न पत्रकारिता की दुनिया को करीब से समझ रही हैं. 

    घर-परिवार और जॉब की तेज रफ्तार जिंदगी में अपने लिए सुकून के पल ढूंढना दीपाली को बेहद पसंद है. इन पलों में वह पोएट्री लिखकर, उपन्यास पढ़कर और पुराने गाने सुनकर जिंदगी की रूमानियत को महसूस करती हैं. इसके अलावा अपनी मां के साथ मिलकर कोरियन सीरीज देखना उनका शगल है. मस्ती करने में माहिर दीपाली को घुमक्कड़ी का भी शौक है और वह आपको दिल्ली के रंग-बिरंगे बाजारों में शॉपिंग करती नजर आ सकती हैं.

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  • रोडरेज में दुम दबाकर भागे गुंडे! अकेला समझ पहले घेरा फिर अंकल ने निकाल ली AK-47- वीडियो वायरल

    रोडरेज में दुम दबाकर भागे गुंडे! अकेला समझ पहले घेरा फिर अंकल ने निकाल ली AK-47- वीडियो वायरल

    सोशल मीडिया पर एक ऐसा वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है जिसे देखकर हर कोई कह रहा है  “कर्म का फल तुरंत मिल गया.” इस वायरल क्लिप में कुछ गुंडे सड़क पर चलती एक कार को रुकवाकर उस पर हमला करने की कोशिश करते हैं. उन्हें लगता है कि कार में बैठे अंकल अकेले हैं और आसानी से उन्हें डराया या पीटा जा सकता है. लेकिन जैसे ही वो कार के करीब पहुंचते हैं, अंकल का रौद्र रूप देखकर उनके होश उड़ जाते हैं. अंकल ने कार का दरवाजा खोलते ही जो किया, वो देखकर गुंडों के पैरों तले जमीन खिसक गई. वीडियो देखकर आपकी भी हंसी छूट जाएगी.

    दरअसल, वायरल वीडियो में साफ दिखता है कि कुछ युवक एक कार का पीछा करते हुए सड़क के बीच में खड़े हो जाते हैं. उनमें से एक युवक हाथ हिलाकर कार को रुकवाता है. जैसे ही कार रुकती है, दो गुंडे उसकी तरफ तेजी से बढ़ते हैं, मानो कुछ बड़ा करने वाले हों. लेकिन कार के दरवाजे से जैसे ही अंदर बैठे अंकल बाहर आते हैं, उनके हाथ में AK-47 देखकर पूरे माहौल का रंग बदल जाता है. जो गुंडे कुछ सेकंड पहले शेर बनकर दहाड़ रहे थे, वही अब डर के मारे उल्टी दिशा में भागने लगते हैं.

    Always carry a gun in your car,it will save you from road rage like this. pic.twitter.com/rWJQglCxsb

    अंकल ने बिना एक शब्द बोले बस राइफल को संभालते हुए सड़क पर खड़े गुंडों की ओर देखा, और बस इतना ही काफी था. उनमें से एक तो इतना डर गया कि भागते हुए फिसल पड़ा. सड़क जो जंग का मैदान बनने वाली थी उस पर अब हंसी के फव्वारे छूट चुके थे और डरपोक चूहे की तरह गुंडे इधर से उधर अपनी जान बचाने के लिए भाग रहे थे. वीडियो इंटरनेट पर तेजी से वायरल हो रहा है.

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    वीडियो को @GunloverClub1 नाम के एक्स अकाउंट से शेयर किया गया है जिसे अब तक लाखों लोगों ने देखा है तो वहीं कई लोगों ने वीडियो को लाइक भी किया है. ऐसे में सोशल मीडिया यूजर्स वीडियो को लेकर तरह तरह के रिएक्शन दे रहे हैं. एक यूजर ने लिखा…भाई एके 47 को देखकर अच्छे अच्छों की घिग्घी बंध जाती है. एक और यूजर ने लिखा…क्या गुंडा बनेगा रे तू. तो वहीं एक और यूजर ने लिखा…अंकल रॉक, गुंडे शॉक.

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  • Exclusive: '…तो मुझे 35 से ज्यादा सीटें मिलती', सीट शेयरिंग पर चिराग पासवान का बड़ा बयान

    Exclusive: '…तो मुझे 35 से ज्यादा सीटें मिलती', सीट शेयरिंग पर चिराग पासवान का बड़ा बयान

    बिहार में विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी गहमागहमी के बीच केंद्रीय मंत्री और एलजेपी (R) के प्रमुख चिराग पासवान ने एबीपी न्यूज के साथ सीट शेयरिंग समेत कई मुद्दों पर खास बातचीत की है. विधानसभा चुनाव में सीट शेयरिंग को लेकर वार्गेनिंग के सवाल पर चिराग पासवान ने कहा कि अगर बार्गेनर होता तो मैं 35 सीटें पार कर जाता. मैंने एनडीए गठबंधन की बेहतरी के लिए सरेंडर कर दिया.

    केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने आगे कहा, ”मैं इससे ज्यादा सीटें कैसे डिमांड कर सकता था. 100 से नीचे बीजेपी और जेडीयू चुनाव लड़ रही है. मैं खुद ही ये नहीं चाहूंगा. हमें अलायंस के अंदर चुनाव नहीं लड़ना है, हमें महागठबंधन से चुनाव लड़ना है.” 

    सिंपल फॉर्मूला निकालकर सीटें बांटी गईं-चिराग पासवान

    उन्होंने ये भी कहा, ”महागठबंधन में जब बड़े दल सवा सौ से ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़ रहे हैं तो क्यों नहीं हमारे यहां भी दल 100 से ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़ें. तो 100 से नीचे मैं इनको खुद ही नहीं भेजता. जब ये 100 से नीचे नहीं जाते तो कितनी सीटें बचीं, महज 40-42 सीटें बचीं. उसमें हम तीनों दल को समाहित होना है. एक सिंपल सा फॉर्मूला निकाला कि एक लोकसभा पर 6 विधानसभा सीटें बैठा दो. ऐसे में तो फिर भी मेरी एक सीट कम रह गई.”

    अगर आप पीएम मोदी जी के हनुमान हैं तो नीतीश कुमार जी के आप क्या हैं? इस सवाल पर चिराग पासवान ने कहा, ”क्या जब मैं हर किसी का कुछ न कुछ बनूंगा तभी मेरी पहचान होगी? नीतीश कुमार एक मुख्यमंत्री हैं, मैं एक सांसद हूं, उनका सहयोगी हूं. अपनी पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष हूं, ये हमलोगों का रिश्ता है. नामाकरण के लिए मैंने सोचा ही नहीं है.”   

    टिकट बिक्री करने के आरोपों से जुड़े सवाल पर केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने कहा, ”लोकसभा के वक्त भी मैंने बहुत सुना था. जिसने ये आरोप लगाया है, उनसे बस ये पूछ लीजिएगा कि क्या आपके पास इसके प्रमाण हैं? आजकल ये फैशन बन गया है. जब राजनीति में होते हैं तो सार्वजनिक जीवन में होते हैं. अगर आपको ‘जिंदाबाद’ सुनने का शौक है तो ‘मुर्दाबाद’ सुनने की आदत भी आपको लगानी होगी. आरोप-प्रत्यारोप लगते रहेंगे. कभी कुछ प्रमाण के साथ ऐसा आया जो मैंने गलत किया हो, तो मैं खुद ही उसके ऊपर सफाई दूंगा.’

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  • 70 के दशक में रिलीज हुई थीं 10 सबसे बढ़िया मार्शल आर्ट्स फिल्में, सभी हैं एक से बढ़कर एक

    70 के दशक में रिलीज हुई थीं 10 सबसे बढ़िया मार्शल आर्ट्स फिल्में, सभी हैं एक से बढ़कर एक

    हॉलीवुड में एक से बढ़कर एक फिल्में देखने को मिलती है. लेकिन अगर आप मार्शल आर्ट्स फिल्मों के दीवाने हैं तो आपको 1970 के दशक में बनीं हॉलीवुड की इन मास्टरपीस को तो जरूर एंजॉय करना चाहिए. उस दौर में मार्शल आर्ट्स पर बनी इन फिल्मों को काफी पसंद किया गया. यहां जान लीजिए लिस्ट के सभी नाम. 

    मस्ट वॉच हैं ये मार्शल आर्ट्स फिल्में

    1. द चाइनीज बॉक्सर – 1970
    शॉ ब्रदर्स प्रोडक्शन के बैनर तले बनी इस फिल्म को अब तक की सबसे बेहतरीन मार्शल आर्ट्स फिल्मों की लिस्ट में देखा जाता है. फिल्म की कहानी इसके डायरेक्टर खुद जिम्मी वांग यू ने लिखी है. यहां तक कि फिल्म में उन्होंने ही लीड रोल प्ले किया है. इसी फिल्म से इंस्पायर हो कर मेकर्स ने कई बेहतरीन कुंग फू फिल्मों को जन्म दिया है.

    2. अ टच ऑफ जेन – 1971
    इस फिल्म को दो भागों में थिएटर्स में रिलीज किया गया था. पहला पार्ट 1970 को आया तो वहीं दूसरे भाग ने 1971 में थिएटर्स में अपनी एंट्री ली. इस फिल्म के डायरेक्टर किंग हु ने अपनी इस मास्टरपीस के जरिए बाकी सभी मार्शल आर्ट्स फिल्मों को एक नई दिशा दी है. इस फिल्म में आपको बेस्ट कैमरा एंगल्स के साथ रंगीन और खूबसूरत नजारे भी देखने को मिलेंगे. फिल्म की कहानी एक टीचर और महिला योद्धा की है जो एक साथ मिलकर करप्ट ऑफिसर का भांडा फोड़ते हैं.

    3. फीस्ट ऑफ फ्यूरी – 1972
    ब्रूस ली ने अपनी इस बेहतरीन फिल्म से ऑडियंस को अपना दीवाना बना लिया था. इस फिल्म के जरिए उन्होंने अपने मार्शल आर्ट्स और जबरदस्त एक्शन का प्रमाण भी दिया जिससे फैंस का एंटरटेनमेंट दुगना हो गया. इस फिल्म को ब्रूस ली की सबसे बेहतरीन फिल्मों में से एक माना जाता है.

    4. एंटर द ड्रैगन – 1973
    इस फिल्म में भी ब्रूस ली ने अपने कमाल के एक्शन और स्टंट्स से खूब वाहवाही बटोरी थी. ऐसा माना जाता है कि अभिनेता की इस फिल्म ने कुंग फू क्रेज को 1970 के दशक में नया मुकाम दे दिया था. आपको भी एक बार तो इस फिल्म को जरूर एंजॉय करना चाहिए.

    5. फाइव शाओलिन मास्टर्स – 1975
    शॉ ब्रदर्स ने अपनी इस फिल्म के जरिए स्टूडियो को सभी बड़े स्टार्स को एक साथ ला कर खड़ा कर दिया था. फिल्म में पांच अलग–अलग हीरोज के साथ पांच खलनायकों को भी देखा गया. सबसे खास बात इस फिल्म की ये रही इन पांच अलग हीरोज ने ऑडियंस को अपने अलग मार्शल आर्ट्स फॉर्म दिखा कर बहुत इंप्रेस किया.

    6. डिसाइपल्स ऑफ शाओलिन – 1975
    1970 के दशक में ये सबसे बड़ी मार्शल आर्ट्स पर बनी फिल्म थी. इस फिल्म को बनाने के लिए उस जमाने के सबसे बढ़िया मार्शल आर्ट्स फिल्ममेकर्स ने एक साथ काम किया था. इस फिल्म के जरिए दर्शकों को परफेक्ट फाइट सीन्स का एक्सपीरियंस हुआ था.

    7. सीक्रेट राइवल्स – 1976
    1976 तक आते–आते शॉ ब्रदर्स का दबदबा बनने लगा और कई मार्शल आर्ट्स फिल्में उनके सामने फ्लॉप साबित हुई. लेकिन इस फिल्म ने अपने टॉप क्लास कंटेंट के जरिए सभी का ध्यान अपनी ओर खींचा था. इस फिल्म में आपको बेस्ट मार्शल आर्ट्स कोरियोग्राफी देखने को मिलेगी. जबरदस्त एक्शन सींस के साथ फिल्म के चीजी पंचलाइन आपको पेट पकड़कर हंसने पर भी मजबूर कर देंगे.

    8. एक्जीक्यूशनर्स फ्रॉम शाओलिन – 1977
    इस फिल्म को भी शॉ ब्रदर्स ने बनाया था. फिल्म की खासियत पै मेई रहें. सफेद दाढ़ी और बाल में इस कुंग फू मास्टर का किरदार काफी पॉपुलर हुआ. फिल्म में शाओलिन मार्शल आर्ट्स को फैंस्टसी एलिमेंट्स का साथ कंबाइन किया गया ताकि दर्शकों का भरपूर मनोरंजन हो सके.

    9.  द 36 चैंबर ऑफ शाओलिन – 1978
    इस फिल्म को अब तक का सबसे बेहतरीन ओल्ड स्कूल कुंग फू मूवी कहा जाता है. 1978 में इस फिल्म ने कई बेहतरीन मार्शल आर्ट्स फिल्मों से कड़ा मुकाबला करते हुए अपनी अलग जगह बनाई. इस मास्टरपीस में आपको एक से बढ़कर एक कई सारे ट्रेनिंग सेशंस देखने को मिलेंगे.

    10. लास्ट हुर्रा फॉर शिवलरी – 1979
    मेकर्स ने इस फिल्म के जरिए ग्रैंड स्केल में वायलेंट एक्शन सीन्स दर्शकों के सामने पेश किया था. फिल्म की कहानी में भले खूंखार एक्शन सीक्वेंसेस हैं लेकिन इसकी कहानी आपको दिल को छू लेगी. जॉन वू ने अपनी इस फिल्म में एक्शन और इमोशन का परफेक्ट बैलेंस पेश किया था.

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