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  • Latest And Breaking Hindi News Headlines, News In Hindi | अमर उजाला हिंदी न्यूज़ | – Amar Ujala – स्वास्थ्य मंत्रालय का दावा, युद्धविराम समझौते के बाद गाजा में इजरायली हमले में 30 फिलिस्तीनियों की मौत – अमर उजाला हिंदी समाचार लाइव

    Latest And Breaking Hindi News Headlines, News In Hindi | अमर उजाला हिंदी न्यूज़ | – Amar Ujala – स्वास्थ्य मंत्रालय का दावा, युद्धविराम समझौते के बाद गाजा में इजरायली हमले में 30 फिलिस्तीनियों की मौत – अमर उजाला हिंदी समाचार लाइव

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    गाजा में युद्ध विराम के बावजूद इजरायली हमले जारी हैं। युद्ध विराम के बाद इस्राइली मराठा में 30 फलस्टीनी नागरिकों की मौत हो गई। गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय ने किया ये दावा. गाजा के अल शिफा अस्पताल के निदेशक मोहम्मद अबू सालमिया ने बताया कि रविवार शाम से हो रहे हमले में कम से कम 30 लोग मारे गए हैं।

    इज़राइल का दावा- हमास ने इज़राइल पर हमला किया

    आदिवासी मीडिया के अनुसार, गाजा सिविल डिफेंस ने बताया कि गाजा के पड़ोसी इलाके अल-सब्रा में इस्राइली हमलों में एक इमारत को मजबूत बनाया गया, जिसमें 40 से अधिक लोग शामिल थे। वहीं इजरायली सेना ने बताया कि हमास के कर्मचारियों पर जानलेवा हमला किया गया था क्योंकि यह खतरनाक था।

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    इज़राइल और हमास के पहले चरण के शांति समझौते पर सहमति बनी

    रविवार को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड कुणाल ने घोषणा की कि इजरायल और हमास के पहले चरण की शांति पर सहमति बनी है। इससे गाजा में युद्ध समाप्त हो जाएगा और बंधकों को रिहा कर दिया जाएगा। इसके बदले में इजरायली सेना ने गाजा से पीछे हटेगी और इजरायल की जेलों में बंद 2000 फलस्टीनी कब्जे की रिहाइश के तहत कार्रवाई की। इज़राइली मीडिया के, इज़राइली सेना गाजा क्षेत्र के अंतर्गत लगभग 53 प्रतिशत भागों के अनुसार, अपना आर्किटेक्चर बनाए रखेगी।

    अमेरिकी सेना की निगरानी में लागू होगा संघर्ष विराम समझौता

    गुरुवार सुबह राष्ट्रपति रियल ने व्हाइट हाउस में एक बैठक की, जिसमें बताया गया कि जल्द ही इस्राइल और हमास के बीच संधि समझौता लागू होगा। वास्तविक ने आशा व्यक्त की कि इस शांति से गाजा में हमेशा के लिए शांति आ सकती है। विद्रोहियों ने कहा कि युद्ध विराम के अंतर्गत सोमवार या मंगलवार को इज़राइल के बंधक रिक्शा हो सकते हैं। वास्तव में भी पश्चिम एशिया का दौरा कर सकते हैं। अमेरिका ने लगभग 200 सैनिकों को इज़राइल भेजागा ताकि गाजा में लागू युद्ध साम्राज्य की निगरानी की जा सके। अमेरिकी अधिकारियों के अनुसार, ये सैनिक सिविल-सैन्य समन्वय केंद्र में काम करेंगे, जो मानव सहायता, लॉजिस्टिक और सुरक्षा बनाने में मदद करेंगे। अमेरिकी सेना के साथ साम्यवादी देश, गैर-सरकारी आधिपत्य और निजी क्षेत्र के प्रतिनिधि भी इसमें सबसे पहले शामिल होंगे।

  • Latest And Breaking Hindi News Headlines, News In Hindi | अमर उजाला हिंदी न्यूज़ | – Amar Ujala – ट्रम्प के दबाव अभियान के बाद न्यूयॉर्क के अटॉर्नी जनरल लेटिटिया जेम्स पर धोखाधड़ी मामले में आरोप लगाया गया – अमर उजाला हिंदी समाचार लाइव

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    अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड डोनाल्ड और न्यूयॉर्क के अटॉर्नी जनरल लेटिशिया जेम्स के बीच चल रहे विवाद में अब एक नया मामला सामने आया है। अनैतिक प्रशासन ने लेटिशिया जेम्स पर गुरुवार को एक घर की खरीद के मामले में बैंक में धोखाधड़ी और गलत जानकारी देने का आरोप लगाया है। यह वही मामला है जिसे राष्ट्रपति डोनाल्ड अचल ने खुद को बढ़ावा दिया था और उनके खिलाफ़ कार्रवाई की मांग की थी। हालाँकि ड्रेमोक्रेट्स इसे लगातार राजनीतिक प्रतिशोध बता रहा है।

    राजनीतिक प्रतिशोध की बात को इस तरह समझा जा सकता है पहले जेम्स ने रियाल के बिजनेस एम्पायर के खिलाफ धोखाधड़ी का बड़ा मुकदमा दायर किया था। अब नीजी पर 2020 में वर्जीनिया के नॉरफ़ॉक में एक घर के किराये के दौरान गलत जानकारी देने का आरोप लगाया गया है।

    क्या बोली डेमोक्रेट जेम्स?

    वहीं इन आरोपों को लेटिशिया जेम्स ने राजनीतिक प्रतिशोध बताया है। साथ ही कहा कि यह सब समानता द्वारा न्याय व्यवस्था का प्रतीक है। ये आरोप बेबुनियाद हैं और राष्ट्रपति का मकसद सिर्फ बदला लेना है। उनके वकील अब्बे लोवेल ने कहा कि जेम्स इन आरोपों से पूरी तरह से खारिज कर दिया गया है और इसे कानून के मिथक की खतरनाक मिसाल बताया गया है। ऐसे में लेटिशिया जेम्स 24 एरियन को वर्जीनिया की संघीय अदालत में पेशगी शामिल है। उनके वकील ने हस्ताक्षर किए कि वे इस मामले को कानूनी प्रक्रिया में खारिज कर देंगे।

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    समझें पूरा मामला क्या है?

    आरोप है कि लेटिशिया जेम्स ने होम टाइमटाइम बैंक से सेकंड्स होम राइडर पर एक दस्तावेज़ पर हस्ताक्षर किए, जिसमें उन्होंने बताया कि उन्होंने उस घर को अपने निजी उपयोग के लिए रखा था। लेकिन आरोप है कि उन्होंने एक परिवार को किराए पर दे दिया, जिससे उन्हें बेहतर लोन मिलें, जो कि निवेश संपत्ति (निवेश संपत्ति) पर नहीं थी।

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    मामले में क्या है बिग बॉस की भूमिका

    अब ऐसे में जब कॉन्स्टैंट की भूमिका को लेकर सवाल हो रहे हैं, तो यह भी सार्थक है। मामला ऐसा शुरू हुआ कि खाल ने कई बार सार्वजनिक रूप से कहा कि जेम्स गंभीर अपराधी हैं, हालांकि उन्होंने कभी कोई सबूत पेश नहीं किया। यह मामला उस समय सामने आया जब पूर्व एफबीआई के निदेशक जेम्स कॉमी ने भी कांग्रेस से झूठ बोलने का मामला बनाया था। दोनों मामलों में देखा गया है कि वैल प्रशासन ने अनुभवी सरकारी वकील एरिक सिबर्ट को हटाकर अपने करीबी लॉयर लिंडसे हैलिगन को नियुक्त किया, खुद को ग्रैंड जूरी के सामने पेश किया।

  • Latest And Breaking Hindi News Headlines, News In Hindi | अमर उजाला हिंदी न्यूज़ | – Amar Ujala – पूर्वी एशिया में भूकंप के झटके, फिलीपींस में सुनामी की चेतावनी जारी समाचार और अपडेट – अमर उजाला हिंदी समाचार लाइव

    Latest And Breaking Hindi News Headlines, News In Hindi | अमर उजाला हिंदी न्यूज़ | – Amar Ujala – पूर्वी एशिया में भूकंप के झटके, फिलीपींस में सुनामी की चेतावनी जारी समाचार और अपडेट – अमर उजाला हिंदी समाचार लाइव

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    फिलीपींस में शुक्रवार सुबह भूकंप के तेज झटके महसूस हुए। बताया गया है कि भूकंप के समाचार 7.6 रही। इसके बाद अधिकारियों ने सुनामी की चेतावनी जारी कर दी। साथ ही नागरिकों को ऑफ्टरशॉक्स के लिए तैयार रहने के लिए कहा गया है।

    फिलीपींस इंस्टीट्यूट ऑफ वोल्केनोलॉजी एंड सीस्मोलॉजी के अनुसार, भूकंप का केंद्र फिलीपींस के तटीय क्षेत्र में स्थित दवाओ ओरिएंटल प्रांत के मेन टाउन से 62 किलोमीटर दूर समुद्र में स्थित है। यह भूकंप भूमि से 10 किमी नीचे फॉल्ट लाइन पर आया है।

    संस्थान ने तटीय क्षेत्र, मध्य और दक्षिण फिलीपींस के लोगों को तटीय क्षेत्रों में स्थित स्थानों या निचले क्षेत्रों में जाने के लिए कहा है। बताया जा रहा है कि इन झटकों के बाद फिल्मी दुनिया में अगले दो घंटे में तीन मीटर से अधिक लहरें आ सकती हैं। इसके अलावा इंडोनेशिया से पलाऊ तक भी समुद्र तटीय लहरों का अनुमान है।

    30 सितंबर को 74 जनवरी को भूकंप आया था

    इसी साल 30 सितंबर को 6.9 करोड़ रुपये का भूकंप भूकंप दर्ज किया गया था। कम से कम 74 लोगों की मौत हो गई थी और हजारों लोग मारे गए थे। सेबू प्रांत इस भूकंप से सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ था। यहां के बोगो शहर और इसके आसपास के मॉल में भारी तबाही मची थी।

    फिलीपींस भूकंप: फिलीपींस में भूकंप के तेज झटके, कांपी धरती से 6.9 की तीव्रता

    फिलीपींस को दुनिया की सबसे बड़ी आपदा प्रभावित देशों में से एक माना जाता है। यहां भूकंप और इलेक्ट्रानिक्स धार्मिक घटनाएं काफी आम हैं। पूर्वी, यह देश प्रशांत महासागर में स्थित रिंग ऑफ फायर में स्थित है, जहां दुनिया की सबसे बड़ी फोन लाइनें मौजूद हैं। यहां हर साल 20 समुद्री तूफ़ान आते हैं।

    फिलीपींस में इन झटकों से किसी के कैज़ुअल होने की जानकारी नहीं है। उधर, लूलू में प्रशांत सुनामी चेतावनी केंद्र ने कहा कि सुनामी में 300 किमी दूर तक भूकंप की खतरनाक लहरें उठने का खतरा है।

  • Latest And Breaking Hindi News Headlines, News In Hindi | अमर उजाला हिंदी न्यूज़ | – Amar Ujala – उत्तर कोरिया के किम ने समारोह में समाजवादी स्वर्ग बनाने का संकल्प लिया, जिसमें विदेशी गणमान्य लोग शामिल हुए। समाचार हिंदी में – अमर उजाला हिंदी समाचार लाइव

    Latest And Breaking Hindi News Headlines, News In Hindi | अमर उजाला हिंदी न्यूज़ | – Amar Ujala – उत्तर कोरिया के किम ने समारोह में समाजवादी स्वर्ग बनाने का संकल्प लिया, जिसमें विदेशी गणमान्य लोग शामिल हुए। समाचार हिंदी में – अमर उजाला हिंदी समाचार लाइव

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    परमाणु कार्यक्रम को लेकर चल रहे तनाव के बीच उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन ने एक बार फिर अमेरिका को चेतावनी दी। श्रमिक पार्टी की 80वीं वर्षगांठ पर भाषण देते हुए किम ने कहा कि वे उत्तर कोरिया को दुनिया का सबसे बेहतरीन समाजवादी देश कहते हैं और परमाणु शक्ति से किसी भी खतरे का जवाब देते हैं। इस दौरान उन्होंने चीन और रूस जैसे देशों के नेताओं के खिलाफ पश्चिमी देशों में गुटजोड़ को मजबूत करने का संकेत भी दिया। दूसरी ओर उन्होंने अमेरिका से बातचीत की इच्छा भी रखी।

    किम ने अपने भाषण में कहा कि हमारे देश ने परमाणु हथियार और अर्थव्यवस्था के विकास की नीति अपनाई है ताकि अमेरिका बढ़ते परमाणु खतरे का सामना कर सके। उन्होंने कहा कि हम अपनी सैटेलाइट के राजनीतिक और सैन्य ताकत के साहसिक कार्य का जवाब दे रहे हैं। मैं इस देश को समृद्ध और सुंदर जानवर, दुनिया का सबसे बेहतरीन समाजवादी स्वर्ग बनाऊंगा।

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    चीन और रूस के प्रधानमंत्री शामिल हुए

    बता दें कि किम की श्रमिक पार्टी की 80वीं जयंती के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में चीन के प्रधानमंत्री लीआंग, रूस के पूर्व राष्ट्रपति दिमित्री मेदवेदेव और वियतनाम के कम्युनिस्ट ने भाग लिया। पार्टी प्रमुख तो लाम शामिल हुए। किम ने कई नेताओं से अलग-अलग मुलाकात कर संबंधों को मजबूत करने की बात कही।

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    सैन्य परेड में क्या हो सकता है?

    इसी तरह की बात यह है कि शुक्रवार को एक विशाल सैन्य परेड की उम्मीद है, जिसमें किम अपनी नई और खतरनाक गतिविधियों का प्रदर्शन कर सकते हैं। इसमें लंबी दूरी की मिसाइलें भी शामिल हो सकती हैं, जो अमेरिका तक मार कर सकती हैं। स्कॉलर है कि 2019 में अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड के साथ किम की बातचीत बिना किसी एकांत के टूट गई थी। लेकिन अब किम ने संकेत दिया है कि अगर अमेरिका पूरी तरह से परमाणु विस्फोट करना छोड़ता है तो वे फिर से बातचीत के लिए तैयार हैं।

  • Latest And Breaking Hindi News Headlines, News In Hindi | अमर उजाला हिंदी न्यूज़ | – Amar Ujala – भारत-ऑस्ट्रेलिया रक्षा सहयोग को नई दिशा, राजनाथ सिंह ने कहा, हम इंडो पैसिफिक के सह-निर्माता बनें – अमर उजाला हिंदी समाचार लाइव

    Latest And Breaking Hindi News Headlines, News In Hindi | अमर उजाला हिंदी न्यूज़ | – Amar Ujala – भारत-ऑस्ट्रेलिया रक्षा सहयोग को नई दिशा, राजनाथ सिंह ने कहा, हम इंडो पैसिफिक के सह-निर्माता बनें – अमर उजाला हिंदी समाचार लाइव

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    भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ऑस्ट्रेलिया के सिडनी स्थित रॉयल ऑस्ट्रेलियन नेवी बेस एचएमएस कुट्टाबुल का दौरा किया। इस दौरान उनके साथ ऑस्ट्रेलिया के सहायक रक्षा मंत्री पीटर खलील मौजूद रहे। दोनों कंपनियों ने भारत-ऑस्ट्रेलियाई रक्षा साझेदारी, तकनीकी सहयोग और इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में स्थिरता पर गहन चर्चा के बीच संयुक्त बैठक की। इस दौरान पीटर खलील ने राजनाथ सिंह की ऐतिहासिक और बेहद महत्वपूर्ण यात्रा के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि 12 साल बाद किसी भारतीय रक्षा मंत्री की यह पहली यात्रा है। हमें उम्मीद है कि अगली यात्रा तीन साल के अंतराल के बाद नहीं होगी। वहीं राजनाथ सिंह ने भी भारत और ऑस्ट्रेलिया के मजबूत स्थानों पर जोर दिया।

    भारत-ऑस्ट्रेलिया के मजबूत संबंध- राजनाथ सिंह


    राजनाथ सिंह ने अपने बयान में कहा कि भारत और ऑस्ट्रेलिया अब केवल मित्रवत नहीं हैं, बल्कि इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में सह-निर्माता बन गए हैं। उन्होंने 2024 में हुई शिखर बैठक और 2+2 वार्ता का जिक्र करते हुए कहा कि संबंध लगातार मजबूत हो रहे हैं। राजनाथ सिंह ने लोकतंत्र, विविधता और स्वतंत्रता जैसे समानताओं को देशों के बीच की मजबूत नींव के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था आज दुनिया की चौथी सबसे बड़ी और सबसे तेज गति से चलने वाली अर्थव्यवस्था है। भारत के रक्षा उत्पादन तक ₹1.51 लाख करोड़ (लगभग $18 बिलियन) का भुगतान किया गया है, जो पिछले वर्ष से 18% अधिक है।

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    विदेशी निवेश (एफ एडिट) नीति को लेकर क्या बोले राजनाथ सिंह

    भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत का रक्षा मंत्रालय अब तेजी से बढ़ रहा है और पिछले साल यह ₹23,622 करोड़ (करीब 2.76 डॉलर) तक पहुंच गया है। उन्होंने बताया कि भारतीय रक्षा निर्माता अब करीब 100 देशों को अपने उत्पाद में शामिल कर रहे हैं। राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत सरकार ने रक्षा क्षेत्र में विदेशी निवेश (एफ बिजनेस) नीति को उदार बनाया है। अब 74% विदेशी तक निवेश निवेश रूट से और अधिक निवेश सरकारी मंजूरी के माध्यम से किया जा सकता है, खासकर जब निवेश से निवेश तकनीक भारत में आती हो।

    उन्होंने यह भी कहा कि भारत का रक्षा उत्पाद इकोसिस्टम आसान और उपयुक्त बनाया जा रहा है, ताकि विदेशी और घरेलू उपभोक्ताओं को अधिक सुविधा मिल सके। नीति सुधार और बच्चों को सरल कर भारत को बिजनेस फ्रेंडली डेस्टिनेशन बनाने की दिशा में कदम बढ़ाते जा रहे हैं।

  • Latest And Breaking Hindi News Headlines, News In Hindi | अमर उजाला हिंदी न्यूज़ | – Amar Ujala – पाकिस्तान ने काबुल पर हमला किया, पूर्व अमेरिकी राजदूत ने हमले की धमकी दी, बातचीत ही एकमात्र समाधान है – अमर उजाला हिंदी समाचार लाइव – अफगानिस्तान-पाकिस्तान: पाकिस्तान काबुल पर हमला, पूर्व अमेरिकी राजदूत ने चेताया

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    इन दिनों अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ रहा है। वहीं इस तनाव को लेकर चर्चा सबसे तेज तब हुई जब पाकिस्तान ने अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में हाल ही में हमले किए। ऐसे में अमेरिका के पूर्व राजदूत जाल्मे खलीजाद ने इस विषय को लेकर गहरी चिंता का विषय है। उन्होंने पाकिस्तान के इस कदम को बड़ा खतरनाक और ख़तरनाक कदम बताया है। शुक्रवार को खलजाद ने सोशल मीडिया एक्स प्लेटफॉर्म पर लिखा कि पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच सैन्य तनाव का समाधान नहीं, बल्कि बातचीत ही एकमात्र रास्ता है।

    उन्होंने कहा कि डुरंड लाइन के दोनों ओर मौजूद साक्षियों के खिलाफ़ प्रोजेक्ट और काबुल को मिलकर कार्रवाई करनी चाहिए, न कि एक-दूसरे पर हमले की स्थिति बनानी चाहिए। खलीलजाद ने दावा किया कि वह पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बलूच आंतकीवादियों के खिलाफ समर्थन कर रहे हैं, जबकि तालिबान टीटीपी (प्रवीनी तालिबान) को छूट दे रहे हैं। यह प्रमुख सिद्धांत दोनों देशों को नुकसान पहुंचा सकता है।

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    काबुल में पाकिस्तान के हमलों की गूंज


    इस हमले को लेकर अफगान सरकार के प्रवक्ता जबीउल्लाह ने बताया कि काबुल में एक विचित्र की आवाज आई थी, लेकिन अभी तक किसी भी नुकसान की जानकारी और जांच जारी नहीं हुई है। उन्होंने लोगों से चिंता न करने की अपील की।

    भारत के रक्षा मंत्री ने क्या कहा था?

    इससे पहले पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा स्टूडियो ने भी हाल ही में संसद में कहा था कि अगर सुरक्षा बलों पर हमला हुआ तो जवाबी कार्रवाई में कोई नुकसान नहीं होगा। ।। उन्होंने दो टूक कहा कि अब बहुत भुगतान हो गया है। मित्र का कहना है कि तनाव ऐसे समय में बढ़ गया है जब अफगानिस्तान के विदेश मंत्री अमीर खान मुत्ताकी भारत के दौरे पर आए हैं। 9 से 16 फ़्लोरिडा तक वॉक वाला यह हमला तालिबान सरकार के किसी वरिष्ठ प्रतिनिधि की भारत की पहली यात्रा है, जो 2021 में तालिबान की सत्ता में वापसी के बाद हो रही है।

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  • Latest And Breaking Hindi News Headlines, News In Hindi | अमर उजाला हिंदी न्यूज़ | – Amar Ujala – नोबेल शांति पुरस्कार 2025 के विजेता का खुलासा आज, डोनाल्ड ट्रंप के अलावा दावेदारों की शीर्ष सूची में और कौन – अमर उजाला हिंदी समाचार लाइव

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    अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड नॉयल को इस साल का नोबेल शांति पुरस्कार मिलेगा या नहीं? इस बात को लेकर दुनिया में चर्चा तेज़ है। हालाँकि इस बात में भी कोई दो राय नहीं है कि केवल खुद को शांति का मसीहा मानते हुए, मान लीजिए कि उन्होंने दुनिया में शांति स्थापित की है। इन सबके बीच नोबेल शांति पुरस्कार की दौड़ में वे इस बार भी दौड़ में शामिल हैं। कारण यह है कि वैश्विक मंचों ने संकॉन्डर्स बार खाल पर कई बड़े संघर्षों को ख़त्म करने का दावा किया है। हालाँकि, विशेषज्ञ का मानना ​​है कि इस साल उन्हें नोबेल शांति पुरस्कार नहीं मिलेगा। ऐसे में सवाल उठता है कि नोबेल शांति पुरस्कार की सूची में कौन आगे है या फिर इस बार ये किसे मिलने जा रहा है?

    बता दें कि रियल ने हजारों बार अपने अनुबंध के दौरान आठ प्रमुख संघर्षों को खत्म करने का दावा किया है। हद तो तब हो गई जब भारत और पाकिस्तान के बीच का किला संघर्ष खत्म हो गया, 50 से ज्यादा बार दावा किया गया। हालाँकि ये अलग बात है कि भारत सरकार ने हमेशा से ही इन साजोसामान का खंडन किया है। इसी दस्तावेज़ में जब स्वीडन के अंतर्राष्ट्रीय मामलों के सलाहकार प्रोफेसर पीटर वॉलेंस्टीन से पूछताछ की गई। इसपर उन्होंने एक समाचार एजेंसी से कहा कि नहीं, इस साल ‘वाल्ट को अवॉर्ड’ नहीं मिलेगा। लेकिन शायद अगले साल? तब तक उनके पहलों पर फिल्म धूल साफ हो जाएगी, जैसे गाजा संकट।

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    पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद में गाजा के समर्थन और इस्राइल के विरोध में हो रहे धार्मिक संगठन तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (टी लेबनान) का विरोध प्रदर्शन दिवस- प्रतिदिन और सिध्दांत घट रहा है। ऐसे में प्रदर्शन के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए और इस पर रोक लगाने के लिए प्रशासन ने शुक्रवार को राजधानी इस्लामाबाद के मुख्य मार्ग को बंद कर दिया और मोबाइल इंटरनेट सेवा पर भी रोक लगा दी। बता दें कि टी रॉकेट ने मार्च में गाजा में हुई हत्याओं की घोषणा की थी, जिस क्षेत्र में शांति घटना के बीच हो रहा था।

    आदेश दिया गया है कि आंतरिक मंत्रालय ने मुख्य निजीकरण पर प्रतिबंध हटा दिया है और पाकिस्तान अटॉर्नी (पीटीए) को मोबाइल इंटरनेट बंद करने का आदेश दिया है। यह सेवा मध्यरात्रि से अनिश्चितकाल के लिए बंद रहेगी।

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    शहर के भीतर-बाहर का रास्ता बंद


    मीडिया रिपोर्ट के अनुसार पुलिस ने शहर के अंदर और बाहर के रास्ते बंद कर दिए हैं और दंगाइयों के खिलाफ मोर्चाबंदी कर रखी है। इतना ही नहीं रावलपिंडी में धारा 144 भी लागू की गई है, जिसके तहत शहर में सभी प्रकार के प्रदर्शन, जुलूस और सभा पर रोक लगाई गई है।

    अमेरिकी दूतावास ने चेतावनी जारी करते हुए प्रदर्शन किया

    इसके अलावा कराची में स्थित अमेरिकी दूतावास और लाहौर, कराची में स्थित अमेरिकी महावाणिज्य दूतावासों ने 10 अक्टूबर 2025 को पाकिस्तान में कई जगहों पर विरोध प्रदर्शन की खबर दी है। हो सकते हैं। इन प्रदर्शनों के कारण सड़कों पर बंदिशें या मार्ग परिवर्तन होने की संभावना है। दूतावासों ने अमेरिकी नागरिकों को सलाह दी है कि वे दूतावासों से दूर रहें और अपनी सुरक्षा पर विशेष ध्यान दें।

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    इब्राहीम में रेड जॉन पूरी तरह से सील

    टी. प्रो. के मुख्यालय लाहौर में छापा मारा गया और उसके नेताओं को गिरफ़्तार करने की कोशिश की गई, जिससे हिंसक समर्थकों को हटा दिया गया। मस्जिद में ‘रेड जोन’ को पूरी तरह से सील कर दिया गया है, जहां महत्वपूर्ण सरकारी और दूतावास कार्यालय मौजूद हैं। एक कट्टर संगठन है, जिसने 2017 में संसद में संसद के शपथ-पत्र के मुद्दे पर सफल प्रदर्शन कर सरकार को अपना संगीत वापस लेने के लिए मजबूर किया था।

  • Latest And Breaking Hindi News Headlines, News In Hindi | अमर उजाला हिंदी न्यूज़ | – Amar Ujala – अमेरिकी सीनेट ने सर्वसम्मति से 2003 इराक युद्ध प्रस्ताव को निरस्त करने का समर्थन किया News In Hindi – अमर उजाला हिंदी समाचार लाइव

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    दो दशक बाद अमेरिका ने 2003 के इराक युद्ध को कानूनी रूप से समाप्त करने की दिशा में ऐतिहासिक कदम उठाया है। अमेरिकी सीनेट ने गुरुवार को उस प्रस्ताव को रद्द कर दिया, जिससे इराक पर अमेरिकी हमला शुरू हो गया। यह निर्णय वर्जीनिया के डेमोक्रेट सीनेटर टिम केन और इंडियाना के रिपब्लिकन सीनेटर टॉड यंग के संशोधन के तहत लिया गया, जिसे सीनेट ने सर्वसम्मति से पारित किया। इससे पहले हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स ने भी इसे मंजूरी दी थी। अब अंतिम कानूनी बनने की प्रक्रिया चल रही है।

    यह प्रस्ताव वर्जीनिया से डेमोक्रेटिक सीनेटर टिम केन और इंडियाना से रिपब्लिकन सीनेटर टॉड यंग द्वारा लाया गया था। बिना किसी विरोध के इसे वार्षिक रक्षा मंत्रालय ने मंजूरी दे दी। बता दें कि इराक युद्ध में करीब 5,000 अमेरिकी सैनिक मारे गए थे और लाखों इराकियों की जान चली गई थी। युद्ध की शुरुआत उस समय हुई जब तात्कालिक अमेरिकी राष्ट्रपति जॉर्ज बुश की सरकार ने दावा किया था कि इराक के राष्ट्रपति सद्दाम हुसैन के पास विनाशकारी हथियार हैं। हालाँकि ये बात बाद में वोट साबित हुई।

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    इस प्रस्ताव का उद्देश्य क्या है, समझें


    इस प्रस्ताव को मंजूरी देने का मुख्य उद्देश्य यह है कि भविष्य में कोई भी सरकारी युद्ध शुरू किया जा सके ताकि पुराने और विदेशी कानूनों का इस्तेमाल न किया जा सके। साथ ही यह भी संकेत दिया है कि अब इराक अमेरिका का दुश्मन नहीं, बल्कि तानाशाह है।

    इस प्रस्ताव में विधानमंडल के संयुक्त विधेयक को शामिल किया जाएगा


    अब इस प्रस्ताव को सीनेट और हाउस (निचले सदन) के संयुक्त विधेयक में शामिल किया जाएगा। हालाँकि, यह साफ नहीं है कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ने इस प्रस्ताव पर क्या रुख अपनाया, क्योंकि 2020 में ईरानी जनरल सुलेमानी की हत्या के लिए उनकी सरकार ने यही 2002 के इराक प्रस्ताव को कानूनी रूप से खारिज कर दिया गया था। हालाँकि सीनेटर यंग ने आशा व्यक्त की कि वामपंथी इसका समर्थन करेंगे, क्योंकि उन्होंने हमेशा के लिए अनंत काल तक चलने वाले युद्धों को समाप्त करने की बात कही थी।

    युद्ध ख़त्म होने वाले इस डेमोक्रेट को लेकर सीनेटर टिम केन ने कहा कि यही वह तरीका है जिससे युद्ध ख़त्म होने का, किनारे के साथ नहीं, बल्कि रचनात्मकता से होता है। उन्होंने यह भी कहा कि इस युद्ध ने अमेरिका और मध्य पूर्व दोनों को हमेशा के लिए बदल दिया है।



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    नेपाल की अंतरिम प्रधानमंत्री सुशीला कार्की ने गुरुवार को कहा कि उनकी सरकार उस बदलाव के लिए पूरी तरह से तैयार है, मैं देश की नई पीढ़ी मांग रही हूं। उन्होंने स्वीकार किया कि वेस्ट वेस्टेज ने युवाओं की आवाज़ और उनकी भावनाओं को ख़त्म कर दिया, जो उनकी कमज़ोरी थी।

    ‘नए बदलाव के लिए वैकल्पिक है सरकार’

    जेन-जेड आंदोलन के एक माह पूरे होने के जारी वीडियो संदेश में कार्की ने कहा कि सरकार सभी सुधारों और संस्कृति के निषेध के लिए तैयारी कर रही है, जिसमें युवा पीढ़ी भी शामिल होना चाहती है। हमें इस क्रांति को सकारात्मक नज़रिये से स्वीकार करना चाहिए।

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    पूर्व मुख्य न्यायाधीश और अंतरिम अध्यक्ष सुशीला कार्की ने कहा कि एक ओर हमारे युवाओं में विनाश है, तो दूसरी ओर उनके देश के प्रति अपार प्रेम भी है। हमें अपनी सहमति और कमियों को अभिलेख से स्वीकार करना चाहिए। उन्होंने सभी साज़िशों से प्रशांत महासागरीय भंडार बनाए रखने और हिंसा से दूर रहने की अपील की। साथ ही राजनीतिक आश्रमों से भी खुद में सुधार का आग्रह किया।

    कार्की ने जेन-जेड आंदोलन में जान गंवाने वाले युवाओं को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने कहा कि इस आंदोलन में कई युवाओं ने अपनी जान दी है और सैकड़ों घायल हुए हैं। मैं सभी साथियों को नमन करता हूं और उनके परिजनों की गहरी संवेदना प्रकट करता हूं।

    जेन-जेड विरोध के लाइव के.पी. शर्मा ओली ने पद छोड़ दिया

    दावा है कि 8 और 9 सितंबर को काठमांडू में जेन-जेड विरोध प्रदर्शन में 76 लोगों की मौत हो गई थी। यह आंदोलन अस्वीकृत प्रधानमंत्री के.पी. शर्मा ओली की सरकार के खिलाफ प्रतिबंध और सोशल मीडिया पर प्रतिबंध का विरोध शुरू हो गया था। हिंसक प्रदर्शनों के बाद ओली ने सितंबर की शुरुआत में पद छोड़ दिया था, जिसके बाद 12 सितंबर को सुशीला कार्की ने अंतरिम प्रधानमंत्री के रूप में पद संभाला था। उनकी सलाह राष्ट्रपति रामचन्द्र पौडेल ने संसद भंग कर दी और अगले आम चुनाव 5 मार्च 2026 को होने वाले हैं।

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    इस बीच, प्रधानमंत्री ओली ने संसद को बहाल करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय एकता और राजनीतिक स्थिरता के लिए यह कदम जरूरी है। वहीं, पुलिस ने गुरुवार को जेन-जेड ग्रुप के 18 आतंकियों को गिरफ्तार कर लिया, जिसमें डॉक्टर भी शामिल हैं। निकोलस भूषाल भी शामिल हैं। ये लोग माटीघर में ओली और पूर्व गृह मंत्री रमेश लेखक की नौकरानी की मांग कर रहे थे।