अगर आप महिला हैं और यूपी में रहती हैं तो आपके लिए बेहद ही अच्छी खबर है. जल्द ही उत्तर प्रदेश में हजारों पदों पर भर्ती होने जा रही है. जिसके लिए महिलाएं आवेदन कर सकेंगी. ये भर्ती बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग में होगी. आइए जानते हैं डिटेल्स…
यूपी के बाल बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग में बेहद जल्द आंगनबाड़ी भर्ती की प्रक्रिया शुरू की जाएगी. इस भर्ती के जरिए 7,952 आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और 61,254 आंगनबाड़ी सहायिका के पद शामिल हैं. मुख्य सचिव एस.पी. गोयल ने विभागीय अधिकारियों को आदेश दिए हैं कि भर्ती की पूरी प्रक्रिया पारदर्शिता, निष्पक्षता और तय समय-सीमा में पूरी की जाए. उन्होंने कहा कि हर जिले में भर्ती का एक समान टाइमटेबल बनाया जाए ताकि चयन प्रक्रिया में एकरूपता बनी रहे और किसी भी चरण में देरी न हो.
ये हैं वैकेंसी से जुड़े डिटेल्स
अपर मुख्य सचिव महिला कल्याण लीना जौहरी ने बताया कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के 7,952 पदों में 2,123 पद पूर्व चयन प्रक्रिया से जुड़े हैं, 306 पद नए आंगनबाड़ी केंद्रों के लिए हैं, जबकि 5,523 पद मिनी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को मुख्य कार्यकर्ता में अपग्रेड किए जाने के बाद बनाए गए हैं. वहीं, 61,254 सहायिका पदों में से 38,994 पद सेवानिवृत्ति या मृत्यु जैसे कारणों से खाली हुए हैं, और 22,260 पद मिनी आंगनबाड़ी केंद्रों को मुख्य केंद्रों में बदलने से सृजित हुए हैं. इस तरह कुल 69,206 पदों पर नई भर्ती होगी.
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जिलों में बनेगी भर्ती समिति
मुख्य सचिव ने निर्देश दिया कि हर जिले में डीएम (जिलाधिकारी) की अध्यक्षता में एक भर्ती समिति बनाई जाएगी. यह समिति भर्ती प्रक्रिया की निगरानी करेगी और सुनिश्चित करेगी कि चयन पूरी तरह पारदर्शी हो. सभी जिलों को भर्ती की समय-सारिणी पहले से तय करने के आदेश दिए गए हैं, जिससे सभी चरण समय पर पूरे किए जा सकें.
‘सक्षम आंगनबाड़ी’ योजना को मिलेगी रफ्तार
बैठक में बताया गया कि प्रदेश के 23,697 आंगनबाड़ी केंद्रों को “सक्षम आंगनबाड़ी” के रूप में विकसित किया जा रहा है. इस योजना के तहत हर केंद्र को पोषण वाटिका, रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम, आरओ मशीन, एलईडी स्क्रीन, ईसीसीई सामग्री, बाला पेंटिंग और छोटे सिविल वर्क्स जैसी सुविधाओं से सुसज्जित किया जाएगा. मुख्य सचिव ने कहा कि इस परियोजना के तहत निर्माणाधीन भवनों का काम तेजी से पूरा किया जाए, ताकि गांव-गांव में बच्चों और महिलाओं के लिए बेहतर सुविधाएं उपलब्ध हों.
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रजनी उपाध्याय बीते करीब छह वर्षों से पत्रकारिता की दुनिया में सक्रिय हैं. उत्तर प्रदेश से ताल्लुक रखने वाली रजनी ने आगरा विश्वविद्यालय से पोस्ट ग्रेजुएशन किया है. बचपन से ही पढ़ने-लिखने में गहरी रुचि थी और यही रुचि उन्हें मीडिया की दुनिया तक ले आई.
अपने छह साल के पत्रकारिता सफर में रजनी ने कई प्रतिष्ठित मीडिया संस्थानों में काम किया. उन्होंने न्यूज, एंटरटेनमेंट और एजुकेशन जैसे प्रमुख वर्टिकल्स में अपनी पहचान बनाई. हर विषय में गहराई से उतरना और तथ्यों के साथ-साथ भावनाओं को भी समझना, उनकी पत्रकारिता की खासियत रही है. उनके लिए पत्रकारिता सिर्फ खबरें लिखना नहीं, बल्कि समाज की धड़कन को शब्दों में ढालने की एक कला है.
रजनी का मानना है कि एक अच्छी स्टोरी सिर्फ हेडलाइन नहीं बनाती, बल्कि पाठकों के दिलों को छूती है. वर्तमान में वे एबीपी लाइव में कार्यरत हैं, जहां वे एजुकेशन और एग्रीकल्चर जैसे अहम सेक्टर्स को कवर कर रही हैं.
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